कड़पा में उर्दू ड्रामा निगार यूसुफ़ सफ़ी की मोबारकबाद‌ तक़रीब

कड़पा 3 अप्रैल: ( ज़रीया डाक ) यूनीसेफ एवार्ड याफ़ता रहमत अल्लाह ने कहा कि समाज की फ़लाह-ओ-बहबूद और इस्लाह केलिए उर्दू ड्रामा निगार यूसुफ़ सफ़ी ने अपने ड्रामों का सहारा लिया । वो एक अज़ीम इंसान दोस्त ही नहीं बल्कि आली फ़नकार भी हैं ।

सफ़ी की शाल पोशी‍ – गुलपोशी की गई । सारेगामा संगीत इदारा की जानिब से आलमी यौम स्टेज के मौके पर यूसुफ़ सफ़ी के तहनेती जलसे में कहा कि उर्दू ड्रामों को भी आंध्रा की रियासती सरकार नंदी एवार्ड्स में शामिल करें यूसुफ़ सफ़ी ने 18 ड्रामे लिखे ।

उनकी ख़िदमात क़ाबिल दाद-ओ-तहसीन हैं । आर एंड बी मौज़फ़ ज़िलई ऑफीसर रवेन्दरा ने कहा कि 40 साल से मुसलसल ड्रामों केलिए ज़िंदगी वक़्फ़ करनेवाली शख्सियत यूसुफ़ की है । फ़नकारों और अदाकारों की हौसलाअफ़्ज़ाई बहुत‌ ज़रूरी है ।

कड़पा उर्दू कल्चरल एंड लिटरेरी एसोसेएश‌ण के नायब सदर सितार फ़ैज़ी ने तक़रीर करते हुए कहा कि मार्च 18 को इन का उर्दू तारीख़ी ड्रामा ख़ाब पत्थर में हैदराबाद सैंटर्ल यूनीवर्सिटी में पेश किया गया और उर्दू के चाहनेवाले ने पसंद किया और मुबारकबाद दी ।

उर्दू स्टेज के फ़नकार इस्लाम ग़ियास यूनुस तय्यब वहीद मुहम्मद हुसैन सरदार साहिल डाक्टर ग़ियास सितार फ़ैज़ी इफ़्तिख़ार जमाल मक़बूल अहमद मक़बूल तस्लीम उदबा में डाक्टर इक़बाल ख़ुसरो मुहम्मद शाहिद अनवर हादी शकील अहमद ए के ख़ान डराज़क संगीन के हिदायत कार कलाम आरिफ़ एड विकेट अमीन पीर ए बी शाह वगैरह ने शिरकत की ।