खतरेवाले रास्ते से भी जायेंगे लीडर

नक्सल मुतासीर इलाकों में वीआइपी खास कर क़ायेदीनों की सेक्युरिटी के लिए नियम में तब्दीली किये जायेंगे। किसी लीडर के प्रोग्राम के दौरान या रास्ते में उन पर नक्सली हमले की पहले इत्तिला मिलने के बाद पुलिस उन्हें नहीं रोकेगी। उनके आने जाने का रूट भी बदलने से परहेज किया जायेगा। पुलिस का मानना है कि ऐसा करने से नक्सलियों का मनोबल बढ़ता है। हमले के पहले इत्तिला के बाद अब पुलिस क़ायेदीनों की सेक्युरिटी और बढ़ा कर उसी रास्ते से ले जायेगी।

वजीरे दख्ला की सलाह पर उठाया कदम : मर्कज़ी दाख्ला वज़ारत की सलाह पर रियासत में वीआइपी की सेक्युरिटी को और मजबूत बनाया जा रहा है। वीआइपी सिक्यूरिटी मॉनिटरिंग सेल की तशकील कर लिया गया है। स्पेशल ब्रांच के डीआइजी इसके नोडल अफसर बनाये गये हैं।

यह सेल हर दिन वीआइपी के प्रोग्रामों का तफ़सीलात लेती है। इसकी शाख हर जिले में है, जो 24 घंटे काम कर रही है। वीआइपी की मूवमेंट पर नजर रख रही है। एक थाना इलाक़े से दूसरे थाना इलाक़े में पहुंचने में लगनेवाले वक़्त पर नजर रख पुलिस को अलर्ट करती है। छोटे क़ायेदीनों की सेक्युरिटी के लिए अलग से पॉलिसी बनायी जा रही है।