सिमी के दहशतगर्दों के जरिये मध्य प्रदेश के खंडवा का रहने वाला डॉ फैसल पैसे दस्तयाब कराता रहा है। पटना और बोधगया सीरियल ब्लास्ट के लिए भी उसने हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी को पैसे दस्तयाब कराये थे।
दरअसल, मुल्क भर में दहशतगर्द हमलों और अपनी नापाक सरगरमियों को अंजाम देने के लिए स्टूडेंट्स इसलामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के दहशतगर्द बैंक डकैती की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। बताया जाता है कि बैंकों को लूटने के पीछे इनका अहम मकसद मुल्क के मुखतलिफ़ मुकामात पर दहशतगर्द वारदात को अंजाम देना है और लोगों में दहशत फैलाना है। सिमी के दशतगर्दों से बैंक डकैती करवाने का यह आइडिया मध्य प्रदेश के खंडवा का रहने वाला सिमी का एक और डॉ फैसल ही है, जो फिलहाल खंडवा जेल में बंद है।
डॉ फैसल अबतक मध्य प्रदेश के खंडवा और उसके आसपास के इलाकों में एक-दो नहीं, बल्कि पांच बैंक डकैती की वारदात को अंजाम दे चुका है। इन वारदात के अलावा उसने खंडवा में ही मलाप्पुरम गोल्ड के दफ्तर में भी पिछले साल डकैती करवायी थी। डॉ फैसल पटना और बोधगया सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी उर्फ अब्दुल्लाह का काफी करीबी रहा है और हैदर कई बार वाकिया के पहले खंडवा जा कर उससे मुलाकात की है।
जेल में सुरंग खोद हो गया था फरार
एनआइए के ज़्राए ने बताया कि डॉ फैसल पैसे जुटाने के लिए कम उम्र के नौजवानों को सिमी का मेम्बर बनाता था और अपने तंजीम के छह-छह मेंबरों को लेकर अलग-अलग गिरोहों का तशकील करता था। यह वही डॉ फैसल है, जो मध्य प्रदेश पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद खंडवा जेल में सुरंग खोद कर वहां से फरार हो गया था। बाद में एनआइए की टीम ने करीब आठ महीने बाद उसे फिर से दबोच लिया।
जेवरात का किस्तों में करता था भुगतान : जानकारी के अनुसार मलाप्पुरम गोल्ड के दफ्तर से लूटे गये स्वर्णाभूषण को डॉ फैसल ने खंडवा में ही एक पप्पू भाई नामक स्वर्ण व्यवसायी से बेच दिया था. पप्पू भाई जरूरत पड़ने पर डॉ फैसल को किस्तों में पैसों का भुगतान करता था. एनआइए की टीम ने पप्पू भाई को भी पिछले दिनों गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन छह-छह की संख्या में डकैती के लिए सिमी के सदस्यों का गिरोह अब भी पकड़ से बाहर है.
डॉ एजाज के पास मिला हैदर का लैपटॉप
सिमी को चलाने वाला हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी के लैपटॉप समेत दहशतगर्द के कई समान रांची के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर डॉ एजाज हाशमी के घर से बरामद किये गये हैं। डॉ हाशमी के घर की तलाशी में एनआइए को तीन मल्टीमीटर, नौ वोल्ट के एक दर्जन बैटरी, तीन रिमोट कंट्रोल और एक रिमोट रिसीवर मिले। डॉ हाशमी फिलहाल एनआइए की हिरासत में है। हैदर रीढ़ की बीमारी से परेशान है। इलाज डॉ अंजय कुमार की देखरेख में चल रहा था। एनआइए ने बरामद लैपटॉप की जांच शुरू कर दी है। उम्मीद जतायी जा रही है कि इस लैपटॉप के जरिये मुल्क में चल रहे दहशतगर्द सरगरमियों के सिलसिले में कई खुलासे हो सकते हैं। एनआइए डॉ अंजय कुमार से भी हैदर के सिलसिले में पूछताछ कर रही है। रीढ़ की परेशानी को लेकर हैदर की मुलाकात डॉ अंजय कुमार से डॉ एजाज हाशमी ने ही करायी थी।