मुंबई, 09 दिसंबर: रीयासत में लगातार बढ़ती छेड़छाड़ के वाकियात को संजीदगी से लेते हुए महाराष्ट्र हुकूमत इसे गैरजमानती जुर्म ऐलान करने के तजवीज पर गौर कर रही है।
खवातीन् व बच्चो की बहबूद की वज़ीर वर्षा गायकवाड़ ने बताया कि वह इस मुद्दे पर वज़ीर ए आला से बात कर एक कमेटी का कियाम करेंगी। यह कमेटी गैरसरकारी तंजीम हेल्प मुंबई फाउंडेशन के तरफ से तैयार महाराष्ट्र छेड़छाड़ व उत्पीड़न निषेध (Molestation and harassment prohibited) कानून के मसौदे की जांच करेगी।
हाल में ठाणे के दोंबीवली में छेड़छाड़ का मुखालफत करने पर पांच लड़कों ने एक लड़के की चाकू घोंपकर कत्ल कर दिया था। हफ्ते को गैरसरकारी तंज़ीम के वफद ने गायकवाड़ को मेमोरंडम और मुजवज्जा बिल सौंपा। एनजीओ ने मांग की है कि गायकवाड़ इस मसौदे को विधानसभा में पेश कर लागू कराएं, ताकि रीयासत में ख्वातीन खुद को महफूज़ महसूस करें।
एनजीओ के मुताबिक शरेलू दबाव, निशाना बनाए जाने व दाग़दार होने के डर से 80 फीसद खवातीन छेड़छाड़ की शिकायत नहीं करतीं। हेल्प मुंबई फाउंडेशन की डायरेक्टर सना सईद ने कहा कि ऐसे वाकियात में मुल्ज़िमों पर लगाई जाने वाली आइपीसी की धारा-354, 509 और 506 में आसानी से जमानत मिल जाती है।
उन्होंने कहा कि मुल्ज़िम को एक से तीन साल की सजा के साथ ही कम से कम 20 हजार रुपये जुर्माने का कानून होना चाहिए।
वहीं, अज़ीयत के चलते मुतास्स्सिरा के खुदक़शी करने पर एक से दस साल की सजा और कम से कम 50 हजार रुपये जुर्माने का कानून होना चाहिए।