ख़लीज-ए-फारस में ईरान का मोकाब्ला करने अमरीका की तैय्यारी

अमरीका ने ख़लीज-ए-फारस में अपनी समुंद्री और बर्री दिफ़ाई ताक़त को मुजतमा(जमा) करना शुरू करदिया ताकि आबनाए हुर्मुज़ के क़रीब ईरान की जानिब से किसी भी हमले का जवाब दिया जा सके। अमरीकी डीफ़ैंस ओहदेदारों के हवाले से वाल स्टरीट जर्नल ने इत्तिला दी है कि अमरीकी फ़ोर्स ने भी अपने हथियारों के निज़ाम को मुजतमा करना शुरू करदिया है जो ईरान की तेज़ रफ़्तार हमला आवर कश्तीयों के ख़िलाफ़ इस्तिमाल कर सकता है।

इस के साथ साथ क्रूज़ मिज़ाईल के दागे़ जाने के ठिकानों को भी निशाना बनाया जाएगा। अख़बार ने मज़ीद लिखा है कि पेनटगान में नए ज़ेर-ए-आब (पानि के नीचे)हथियारों का पता चलाने के लिए मोरचा बना लिया है। इस के इलावा आबनाए हुर्मुज़ के अतराफ़ अपनी निगरानी की सलाहीयतों में तौसीअ करते हुए फ़ौज को नए आलात से लैस कर रहा है। आबनाए हुर्मुज़ के ज़रीया दुनिया भर में 20 फ़ीसद तेल सरबराह किया जाता है।

अमरीकी इक़दामात के ज़रीया ईरान और मग़रिब के दरमयान जंग की अहम शक्ल का अहाता किया जा रहा है। ईरान आबनाए हुर्मुज़ को इस्तिमाल कर सकता है और इस रास्ता से वो मग़रिबी जहाज़ों पर अपने तेज़ रफ़्तार मुसल्लह कश्तीयों के ज़रीया हमला कर सकता है ताकि आबी रास्ते को साफ़ किया जा सके। अमरीकी जहाज़ों पर ईरान के हमले की कामयाबी की सूरत में ये लड़ाई भड़क सकती है। फ़ौज के सेंटर्ल कमांड ने ख़लीजी ख़ित्ते में अमरीकी फोर्सेस की ताय्युनाती का जायज़ा लिया है।

फ़ौजी जहाज़ों में असरी हथियारों को लाद दिया गया है। अमरीका की ये तैय्यारी ईरान के न्यूक्लियर अज़ाइम के मंज़रे आम पर आने के बाद नए शुबहात के तौर पर देखी जा रही है। हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान न्यूक्लियर अज़ाइम को बरुए कार लारहा है। इंटरनैशनल ऐटमी तवानाई एजेंसी ने कहा कि ईरान ने अपने यूरेनियम के ज़ख़ीरा में इज़ाफ़ा कर लिया ,

है और वो न्यूक्लियर हथियारों का एक ऐसा चट्टान तैय्यार करर हा है कि जिस से अमरीकी और इसराईली ओहदेदार निशाना बन सकते हैं। अमरीका ने इसराईल के ताल्लुक़ से तशवीश ज़ाहिर की है कि उसे ईरान से ख़तरा है।