देरीना मुद्दत से ज़ेर-ए-इलतिवा ख़वातीन तहफ़्फुज़ात बिल मंज़ूर करवाने के मुतालिबात के दौरान हुकूमत ने आज कहा कि वो पंद्रहवीं लोक सभा के आख़िरी इजलास में तौसीअ करने केलिए भी तैयार है अगर ऐवान इस से इत्तिफ़ाक़ करे।
मुक़र्ररा प्रोग्राम के बमूजब जुमा के दिन लोक सभा के इजलास का आख़िरी दिन होगा। ये मसला जया पर्दा ने ऐवान में अक्सर उठाया है जिसकी बाएं बाज़ू की पार्टीयों, बी जे डी, तृणमूल कांग्रेस यहां तक कि कांग्रेस के चंद अरकान की जानिब से पुरज़ोर ताईद की गई थी।
इन में से कई अरकान जया पर्दा के मुतालिबे से इज़हार यगानगत करते हुए नशिस्तों से उठ खड़े होगए थे। समाजवादी पार्टी का नाम लिए बगै़र जिस ने जया पर्दा को पार्टी से ख़ारिज कर दिया है, अदाकारा से सियासतदां बनने वाली ख़ातून ने कहा कि बाज़ पार्टीयां इस बिल की मंज़ूरी नहीं चाहतीं लेकिन हुकूमत कोशिश तो करसकती है।
सी पी आई (ऐम) क़ाइद बासू देब आचार्य ने भी कहा कि ये बिल बरसों से ज़ेर-ए-इलतिवा है। हुकूमत उसे पेश क्यों नहीं करती। अपने जवाब में मर्कज़ी वज़ीर-ए-पार्लिमानी उमोर कमल नाथ ने कहा कि वो अरकान के साथ पूरी तरह मुत्तफ़िक़ हैं और ख़वातीन तहफ़्फुज़ात बिल की मंज़ूरी के लिए अगर ऐवान इत्तेफाक़ करे तो इजलास में तौसीअ करने के लिए तैयार हैं।