दो पुलिस ओहदेदारों की तरफ से मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादात पर सियासी दबाव के तहत क़ाबू पाने में ताख़ीर का एतराफ़ करने के बाद उत्तरप्रदेश के रियासती वज़ीर आज़म ख़ान ने आज कहा कि इनका इस मामले से कोई ताल्लुक़ नहीं है और वो कोई वज़ाहत पेश करना नहीं चाहते। ख़बररसां चैनल ने इसटिंग ऑपरेशन नशर किया था और कहा था कि वो मामले की तहकीकात कर रहे है। आज़म ख़ान के तमाम टेलीफोन नंबर्स बिशमोल रिहायशी और दफ़्तर की जांच की गई है।
उन्होंने कहा कि अगर में ख़ाती साबित होजा तो ख़बररसां चैनल को मेरे लिए सज़ा तजवीज़ करनी चाहीए। अगर में ख़ाती साबित हो तो सख़्त तरीन सज़ा भी क़बूल करने तय्यार हूँ। आज़म ख़ान एक प्रेस कान्फ्रेंस से ख़िताब कर रहे थे, उन्होंने इल्ज़ाम आइद किया कि ख़बररसां चैनल के नामा निगार ने पुलिस ओहदेदार की ज़बानी अपनी बात कहलवाई। उन्होंने मज़ीद कहा कि जब सवाल पूछा गया था तो एक आवाज़ भी सुनाई दी थी। ये मुंसिफ़ाना नहीं है। मुज़फ़्फ़रनगर ज़िला में दो पुलिस ओहदेदारों का एक ख़बररसां चैनल के इसटिंग ऑपरेशन के पेशे नज़र तबादला कर दिया गया है।
बधना और फ़ो गाना पुलिस स्टेशनों के पुलिस इन्सपेक्टरस का कल रात तबादला कर दिया गया। पुलिस ने उसे मामूल का तबादला क़रार दिया है। आज़म ख़ान ने कहा कि उन्होंने इंतेज़ामीया या पुलिस की कारकर्दगी में कभी दख़ल अंदाज़ी नहीं की। उन्होंने कहा कि वो एसी कोई चीज़ करने के बजाय मर जाना पसंद करेंगे। उन्होंने कहा कि एसा रुजहान जहां कैमरा जांच के बगैर कोई मंज़र दिखाता है, तबाहकुन है। हमें एक ना एक दिन उसकी भारी कीमत अदा करनी होगी।अगर इस रुजहान पर क़ाबू ना पाया गया।
उन्होंने कहा कि में एक सादा मिज़ाज आदमी हूँ और इसी कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। इस सवाल पर कि क्या इस कार्रवाई के पीछे मुफ़ादात हा सिला होसकते हैं। उन्होंने जवाब दिया कि हर एक का अपना मफ़ाद होता है। मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादात पर नाराज़गी के बारे में सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये सिर्फ़ एक मफ़रूज़ा है , इस में कोई हक़ीक़त नहीं है। ताल्लुक़ात में मामूल की सूरत-ए-हाल और एतिमाद की बहाली को यक़ीनी बनाना वक़्त का तक़ाज़ा है।
दिल्ली के शाही इमाम जामि मस्जिद मौलाना अहमद बुख़ारी के दौरा मुज़फ़्फ़रनगर के बारे में उन्होंने कहा कि मुल्क में एक अरब 25 करोड़ अफ़राद आबाद हैं और किसी की भी नक़ल-ओ-हरकत पर कोई पाबंदी नहीं है। दरें असना बी जे पी रुकन असेम्बली संगीत सोम ने जिनका गिरफ़्तारी वारंट मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादाद के सिलसिले में जारी किया जा चुका है, कहा कि वो गिरफ़्तारी के लिए तय्यार हैं लेकिन पूरे मामले की सी बी आई की तरफ से तहकीकात होनी चाहीए।
ग़ाज़ीआबाद से मौसूला इत्तिला के बमूजब दौरा मुज़फ़्फ़र नगर से रोक कर हिरासत में लिए जाने के बाद जामा मस्जिद दिल्ली के शाही इमाम सय्यद अहमद बुख़ारी ने मुलायम सिंह यादव से मुतालिबा किया कि वो आज़म ख़ान को समाजवादी पार्टी से बरतरफ़ करदें क्योंकी इनका अवाम से कोई रब्त नहीं है।