ख़ाशुक़जी की हत्या के बाद जेलों में बंद पत्रकारों को रिहा करने का सऊदी अरब पर बढ़ा दबाव

सऊदी अरब द्वारा तुर्की में अपने दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की मौत की स्वीकारोक्ति के बाद ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ (आरएसएफ) ने शनिवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सऊदी अरब पर दबाव बनाए रखना चाहिए।

पेरिस स्थित मीडिया अधिकार निगरानीकर्ता आरएसएफ के महासचिव क्रिस्टोफर डेलोइरे ने ट्वीट किया कि रियाद को खशोगी की मौत तथा अन्य पत्रकारों को जेल में बंद रखने के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

डेलोइरे ने ट्वीट में लिखा है ‘‘सऊदी अरब पर से दबाव हटाने की कोई भी कोशिश और समझौते की नीति को स्वीकार करने का मतलब होगा उसे ‘लोगों की जान लेने का लाइसेंस देना’ जो जांच करने तथा बहस छेड़ने का साहस करने वाले पत्रकारों को जेल में डालता है, उनका दमन करता है, उनका अपहरण करता है और तो और उन्हें मार भी डालता है।

उन्होंने आगे लिखा है खशोगी की मौत की पुष्टि किए जाने के बाद हम उम्मीद करते हैं कि सऊदी अरब पर लगातार गहरा दबाव बनाए रखा जाएगा ताकि इस मामले का सच लोगों के सामने आ सके और सऊदी अरब के उन पत्रकारों की रिहाई हो सके जो भयावह सजा का सामना कर रहे हैं।

लगातार इंकार के बाद शनिवार को सऊदी अरब ने स्वीकार किया कि उसके धुर आलोचक रहे पत्रकार जमाल खशोगी को इस्तांबुल स्थित उसके वाणिज्य दूतावास में ‘‘झगड़े’’ के बाद मार डाला गया।