ख़ुदकुशी करने वाले किसान, बुज़दिल और मुजरिम

नई दिल्ली

एक इसे वक़्त जब किसानों की मुसलसल ख़ुदकुशियों के सबब मुल्क एक सदमे से दो-चार है, हरियाणा के एक वज़ीर ने ये तबसरा करते हुए एक नया तनाज़ा पैदा कर दिया कि ख़ुदकुशी करने वाले किसान बुज़दिल और मुजरिम हैं। उनके इस तबसरा पर तमाम गोशों से मज़म्मत की जा रही है और उनकी बरतरफ़ी का मुतालिबा शिद्दत इख़तियार कर गया है।

कांग्रेस के नायब सदर राहुल गांधी ने मुल्क में ज़रई बोहरान पर नरेंद्र मोदी को जारिहाना अंदाज़ में तन्क़ीद का निशाना बनाया है और हरियाणा के वज़ीर-ए-ज़रात ओपी धानकर के इस रिमार्क का ख़ूब फ़ायदा उठाते हुए मर्कज़ पर फिर एक मर्तबा तन्क़ीद की। वज़ीर-ए-ज़राअत धानकर ने जो हरियाणा बी जे पी किसान सिल के साबिक़ सदर हैं, कहा कि हिन्दुस्तानी क़ानून के मुताबिक़ ख़ुदकुशी करना जुर्म है।

अगर कोई शख़्स ख़ुदकुशी करता है तो वो दरअसल अपनी ज़िम्मेदारीयों से फ़रार होने की कोशिश करता है और अपना बोझ अपनी बीवी और बच्चों पर डालता है। इस किस्म के अफ़राद बुज़दिल होते हैं। ख़ुदकुशी करने वाले किसानों के ख़ानदान को मुआवज़े के बारे में एक सवाल पर धानकर ने जवाब दिया कि हुकूमत जैसा कोई भी इदारा बुज़दिलों (ख़ुदकुशी करने वालों) का साथ नहीं दे सकता और ना ही मुजरिमों के साथ होसकता है।

राहुल गांधी जो दो माह की पुरासरार गैरहाज़िरी के बाद वापिस हुए हैं, किसानों के मसाइल पर जारिहाना मुहिम चला रहे हैं। उन्होंने हुसूल अराज़ी बिल की सख़्त मुख़ालिफ़त की। उन्होंने हरियाणा के वज़ीर-ए-ज़राअत के बेहिसी पर मबनी रिमार्कस की मज़म्मत की।