शुमाली वज़ीरस्तान में ऑप्रेशन ज़र्ब अज़ब के दौरान इन्किशाफ़ात हुए हैं कि इस इलाक़ा में इंतिहाई मुनज़्ज़म अंदाज़ में ख़ुदकुश हमला आवर तैयार किए जाते थे और जन्नत की ज़मानत हासिल करने वालों के लिए शराइत इंतिहाई सख़्त थीं और मर्कज़ में आने के बाद वालिदैन समेत उन्हें किसी से मुलाक़ात की इजाज़त नहीं होती थी।
ख़ुदकुश हमला आवर बनने के उम्मीदवारों से इंटरव्यू लिए जाते, क्वाइफ़ नामा तैयार होता जिस में ख़ानदान की तफ़सीलात, दोस्त अहबाब और माली हैसियत ये सब मालूमात ली जाती थीं जैसे कोई नौकरी दी जा रही हो।