लाहौर 4 जुलाई (एजेंसीज़) पाकिस्तानी सुन्नि इत्तिहाद कौंसल के उल्मा ने फ़तवा दिया कि ख़ुदकुश हमले इस्लाम में सब से बड़ा गुनाह हैं।
ज़ाइद अज़ 50 उल्मा पर मुश्तमिल सुनी इत्तिहाद कौंसल ने इजतिमाई तौर पर फ़तवा जारी करते हुए ऐलान किया कि बेगुनाहों और मासूमों को हलाक करना सब से बड़ा गुनाह है। बैरूनी मेहमानों को हलाक करना भी बदतरीन जुर्म है। फ़तव़े में ये ऐलान भी किया गया है कि मसाजिद, दवाख़ानों, तालीमी इदारों, क़ब्रिस्तानों, जलूस जनाज़ा और सेक्युरिटी फोर्सेस पर हमले करना जिहाद नहीं कहलाता। ये फ़तवा पिशावर और कोइटा में हालिया किए गए हमलों और बैरूनी सय्याहों को निशाना बनाने के वाक़ियात के तनाज़ुर में दिया गया है। तालिबान ने बैरूनी सय्याहों और मसाजिद और दीगर मज़हबी मुक़ामात पर हमले किए थे।
अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान अमरीकी क़ाबिज़ अफ़्वाज के ख़िलाफ़ जंग कररहे हैं जबकि पाकिस्तानी तालिबान पेशावराना क़ातिल दस्ता ग्रुप कहलाता है। उल्मा कौंसल ने मज़ीद कहा कि इंसानों का नाहक़ क़त्ल करना जुर्म है। इस से बड़ा जुर्म बैरूनी मेहमानों को हलाक करना है। पाकिस्तान में होने वाले दहश्तगर्द हमलों की मुज़म्मत की गई है।