ख़ुदरा बाज़ार में एफ़ डी आई का फ़ैसला हुकूमत की ख़ुदकुशी : अडवानी

नई दिल्ली, १६ सितंबर (यू एन आई) भारतीय जनता पार्टी (बी जे पी ) के सीनीयर लीडर लाल कृष्ण अडवानी ने आज कहा कि अगर मर्कज़ ( केंद्र) की तरक़्क़ी पसंद (यू पी ए) हुकूमत ने ये सोच कर ख़ुदरा बाज़ार में रास्त ग़ैरमुल्की सरमाया कारी (Investors) का फ़ैसला किया है कि अगर वो ऐसा करके अवाम की तवज्जा कोयला बलॉक घपले से हटा देगी तो ये उस की बहुत बड़ी भूल होगी।

मिस्टर अडवानी ने अपने ताज़ा ब्लॉग में आज लिखा है कि कल ही सुप्रीम कोर्ट ने कोयला बलॉक घपले के बारे में हुकूमत से छः सवालों का जवाब देने के लिए कहा है कि अगर हुकूमत ने इस मक़सद से एफ डी आई का फ़ैसला किया है कि बदउनवानी (भ्रष्टाचार) से तवज्जा हटा कर इक़तिसादी ( माली/ आर्थिक) इस्लाहात पर बहस शुरू हो जाएगी तो ये उस की बड़ी भूल होगी।

उन्हों ने कहा कि अदलिया , कमपटरोलर ऐंड आडिटर जनरल और पार्लीमेंट में अपोज़ीशन ( विपक्ष) ने मीडीया के साथ मिल कर ये यक़ीनी बनाया है कि आइन्दा लोक सभा इंतिख़ाबात ( चुनाव) तक अवाम के दिल-ओ-दिमाग़ में बदउनवानी का मौज़ू छाया रहेगा ।

कराना में एफ डी आई का मुआमला यू पी ए के लिए ख़ुदकुशी साबित होगा। मिस्टर अडवानी ने लिखा है कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि जैसे 1977 के इंतिख़ाबात के नतीजे ने तय कर दिया था कि कोई दुबारा इमरजेंसी की दफ़ा 392 का नाजायज़ इस्तेमाल नहीं कर पाएगा ठीक इसी तरह अगले असेंबली लोक सभा इंतिख़ाबात के नतीजे सामने आने के बाद सियासतदानों को ये एहसास हो जाएगा कि अगर वोटर को पता चल गया कि इन के हाथ बदउनवानी (भ्रष्टाचार) से रंगे हैं तो उन्हें उस की भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।

उन्हों ने कहा कि वो अपने पिछले ब्लॉग में ये बात कह चुके हैं। उन्हें इस बात पर हैरत नहीं होगी कि अगले लोक सभा इंतिख़ाबात में कांग्रेस पार्टी की सीटें दहाई के हिन्दसे तक महिदूद (सीमित) हो जाएं । उन्होंने कहा कि ऐसी सूरत में बी जे पी को फ़ायदा होगा।