ख़ुदा ही इस मुल़्क की मदद करे सुप्रीम कोर्ट का रिमार्क

नई दिल्ली, ०२ अक्टूबर ( पी टी आई) ख़ुदा ही इस मुल़्क की मदद करे ये रिमार्क सुप्रीम कोर्ट ने आज क़ौमी दार-उल-हकूमत ( राष्ट्र की राजधानी) दिल्ली में ट्रब्यूनलस (tribunals) के अरकान ( लोगों) को रिहायश (घर) की फ़राहमी के मुआमला में मर्कज़ी हुकूमत की ग़फ़लत पर किए ।

अदालत ने सवाल किया कि क्या रिटायर्ड जजस ( न्यायधीश) जो इस वक़्त ट्रब्यूनल के अरकान हैं दिल्ली की सड़कों पर दरबदर की ठोकरें खाते रहेंगे ? ।जस्टिस आर एम लोधा और जस्टिस ए आर दवे पर मुश्तमिल ( सम्मिलित/ शामिल) बंच ने हुक्काम की जानिब से एक साल क़बल तशकील( Formation /गठन/ निर्माण के लिए) दिए गए पैनल को रिहायश फ़राहम ना करने पर शदीद तन्क़ीद ( शख्त) का निशाना बनाया और कहा कि हुक्काम हमेशा ग़फ़लत की नींद सोते रहते हैं और वो चाहते हैं कि अदालत उन्हें नींद से जगाए।

हुक्काम हमेशा ऐसी हरकतें क्यों करते हैं ? उन की और इस मुल़्क की ख़ुदा ही मदद करे ।