दोनों शहरों हैदराबाद-ओ-सिकंदराबाद में इंतेहाई ख़ुशू-ओ-ख़ुज़ू, अक़ीदत-ओ-एहतेराम के साथ शबेबरा॔त का एहतेमाम अमल में लाया गया। शहर की मसाजिद को बर्क़ी क़ुमक़ुमों से सजाया गया था और दोनों शहरों में मुख़्तलिफ़ मसाजिद में महाफ़िल शबेबरा॔त का एहतेमाम किया गया था। तारीख़ी मक्का मस्जिद में अवाम का कसीर अज़धाम देखा गया जहां बाद नमाजे इशा जलसा फ़ज़ाइले शबेबरा॔त मुनाक़िद हुआ। मक्का मस्जिद के अलावा शहर के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर मर्कज़ी जलसा शबेबरा॔त मुनाक़िद किए गए जहां मुक़ामी-ओ-बैरूनी उलमाए किराम ने मुख़ातिब किया।
जामा मस्जिद चौक में इमारात मिल्लत-ए-इस्लामीया के ज़ेर-ए-एहतेमाम जलसा फ़ज़ाइल शबेबरा॔त मुनाक़िद किया गया जिस से मौलाना मुहम्मद हुसामुद्दीन जाफ़र पाशाह ने मुख़ातिब किया। चंचलगुडा प्ले ग्रांऊड में कुल हिंद मर्कज़ी रहमत आलम कमेटी के ज़ेर-एहतेमाम जलसा शबेबरा॔त मुनाक़िद हुआ जिस में मौलाना शेख़ ग़ुलाम रसूल हामी शेख़ उल-आलम यूनीवर्सिटी कश्मीर ने मेहमान ख़ुसूसी की हैसियत से शिरकत की।
दोनों शहरों के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में रात देर गए तक बाज़ार खुले रहे और नौजवानों को सड़कों पर घूमते देखा गया। मुक़ामी उलमाए इकराम, मौलाना सय्यद हमीदुद्दीन शरफ़ी, मौलाना सय्यद ज़िया उद्दीन नक़्शबंदी , मौलाना ख़्वाजा रज़ीउद्दीन कादरी के अलावा दुसरे ने मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर जलसा शबेबरा॔त से ख़ुसूसी ख़ताबात किए।