लंदन। 8 जनवरी (एजैंसीज़) एक तहक़ीक़ में इस बात का इन्किशाफ़ किया गया है कि ख़वातीन साल में 500 मर्तबा अपने खाने पीने की चीज़ों के मुताल्लिक़ झूट बोलती हैं। वो आम तौर पर खाने पीने के सिलसिले में ऐसी बातें करती हैं जो बेमतलब हुवा करती हैं मसलन मैंने दोपहर का खाना बहुत ज़्यादा खा लिया है, इस लिए अब में इस के बाद अब मज़ीद कुछ नहीं ख़ा सकूंगी ।हमेशा इस बात का दावा करना कि एक दिन में पाँच फल खाना और सबज़ीयां खाना और बिस्किट खुबी नहीं खाना और सिर्फ एक गिलास शराब रोज़ाना पीना जैसी बातों को इस तहक़ीक़ ने मुस्तर्द करदिया है और उसे झूट क़रार दिया है।
इस तहक़ीक़ के मुताबिक़ जो सर्वे पर मुश्तमिल है, जिसे वाच मीनोफ़कचर टाइम्स ने कराया है।मज़कूरा बाला हक़ायक़ मंज़रे आम पर आए हैं। ख़वातीन का ये कहना कि सिर्फ बच्चे ही ज़्यादा खाते हैं, उसे ग़लत क़रार दिया गया है। इस बात को भी ग़लत क़रार दिया गया है कि खाना बनाने के दौरान वो सिर्फ़ खाना चखती हैं। एक और काबले गिरिफ़त बात ये है कि वो फास्टफूड कभी नहीं खाती, सिर्फ़ वो मख़सूस मवाक़े पर सिर्फ मज़ा लेने केलिए ड्रिंकिंग का सहारा लेती हैं और उन का ये दावा कि सुर्ख़ शराब सेहत के लिए मुफ़ीद होती है। ये तमाम बातें नाक़ाबिल तस्लीम हैं।