हुकूमते बंगलादेश ने अपोज़ीशन क़ाइद साबिक़ वज़ीरे आज़म बंगलादेश खालिदा ज़िया के मकान और दफ़्तर को बर्क़ी सरब्राही बहाल कर दी। एक दिन क़ब्ल उन की बर्क़ी सरब्राही मुनक़ते की गई थी ताकि वो 72 घंटे तवील मुल्कगीर हड़ताल मंसूख़ करने पर मजबूर हो जाएं।
बर्क़ी सरब्राही खालिदा ज़िया की रिहायश गाह और दफ़्तर वाक़े इलाक़ा गुलशन को मुनक़ते करदी गई थी जहां वो मुल्कगीर ट्रांसपोर्ट नाका बंदी के वक़्त से जिस का आग़ाज़ जनवरी के अवाइल में हुआ था, नज़रबंद हैं। कल रात देर गए उन की बर्क़ी सरब्राही मुनक़ते करदी गई जो 20 घंटे बंद रही, लेकिन इंटरनेट, केबल टी वी और टेलीफोन ख़िदमात अब भी बंद हैं।
साबिक़ वज़ीरे आज़म के एक करीबी साथी ने एक प्रेस कान्फ़्रैंस में उस की इत्तिला दी। बंगलादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बी एन पी) की सदर ने आज से 72 घंटे तवील हड़ताल का एलान किया है ताकि ताज़ा इंतिख़ाबात के मुतालिबा पर ज़ोर दिया जा सके जिस की वजह से एस एस सी इम्तेहानात मुल्कगीर सतह पर मुल्तवी कर दिए गए हैं।
बर्क़ी सरब्राही मुनक़ते करने पर बी एन पी के कारकुन ब्रहम हो गए और उन्हों ने साहिली शहर चटगांग के जुनूब मशरिक़ी और शहर सिराजगंज के शुमाल मग़रिबी इलाक़ा में वाक़े सरकारी बर्क़ी तवानाई तरक़्क़ियाती बोर्ड के दफ़ातिर पर हमले किए। खालिदा ज़िया के हामी वज़ीरे आज़म शेख हसीना की हुकूमत की पहली सालगिरा से हुकूमत के ख़िलाफ़ एहतेजाज कर रहे हैं।