खाली हैं 42 हजार अह्ल्कारों के ओहदे

रांची 25 अप्रैल : रियासत में तकरीबन 42 हजार अह्ल्कारों के ओहदे खली हैं। ये ओहदे अराजपत्रित मुलाजिम समेत ब्लाक में काम तीसरे तबके अह्ल्कारों के हैं। इसमें तकरीबन आठ हजार चौथे तबके के ओहदे हैं। इसके साथ ही रियासत सेक्रेटीएट में 500 ओहदे मददगार के खाली हैं। रियासत इन्तेज़ामी ख़िदमत के करीब 250 ओहदे पर और बहाली होनी है।

आवामी ख़ादिम, पंचायत ख़ादिम और हल्का मुलाज़ेमिन को मिला कर तकरीबन 1400 ओहदे खाली हैं। इन ओहदों के खली होने से एक मुलाजिम को दो-तीन अह्ल्कारों का काम करना पड़ रहा है। वे वर्क लोड से लदे हैं।

अह्ल्कारों की तादाद में कमी पर हुकूमत संजीदा है। हुकूमत बहाली की सिम्त में फौरी कार्रवाई करेगी। इसे लेकर मुलाज्मत महकमा ने पहल शुरू कर दी है। इसके तहत चौथे तबके के मुलाज़मिन (ग्रुप-डी) चपरासी वगैरह के लिए दस्तुरुल अम्ल तैयार कर ली गयी है। इसे मशीर के पास भेजा गया है। उनकी रजामंदी के बाद इसे मशवारती कोंसिल की अजलास से पास कराया जायेगा।इसके बाद इनकी तकरीरी का रास्ता साफ हो जायेगा।

जिलों में कम तीसरे तबके के मुलाज्मिन की बहाली के लिए डीसी के तरफ से अधियाचना भेजी जायेगी। यह बात हो रही है कि सारे जिले ब्राहे रास्त अधियाचना मुलाज्मिन मुन्तखिब कमीसन को न भेजें, बल्कि कार्मिक महकमा को भेजें। इसके बाद यहां से मुलाज्मिन मुन्तखिब कमीसन को भेज दिया जायेगा।

कहां-कहां खाली हैं ओहदे (तकरीबन)

जिला में अराजपत्रित कर्मचारी-32000
चतुर्थ तबके के मुलाज्मिन-8000
हल्का मुलाज़िम -400
जनसेवक व पंचायत सेवक -1000
सक्रीटीएट माउन -500
रियासती इंतेजामिया अफसर-250

झारखंड में नहीं हुई बहाली

रियासत के कयाम के बाद से यहां जिला सतह पर मुलाज्मिन की तकरीरी नहीं हुई है। सिर्फ मेहरबानी पर अह्लेकार आये हैं। मुलाज्मिन एसोसिएसन की तरफ से बार-बार तकरीरी का मुतालबा भी हुकूमत से की जा रही है। कम का बोझ का हवाला दिया जा रहा है।