खुदा से की अमन कायम करने की फरियाद

शहर के तमाम करबला और इमामबाड़ों में हजरत इमाम हुसैन और शोहदा ए करबला के चहल्लुम की रस्म पूरी अकीदत के और एहतराम के साथ एहतमाम की गयी। चहल्लुम की शुरुआत तमाम करबला और इमामबाड़ों में सुबह करीब ग्यारह बजे कुरानख्वानी के साथ हुई, जो जोहर की अजान तक जारी रही। बाद नमाज, जोहर फातेहाख्वानी और फिर लंगर की शुरुआत की गयी, जिसका सिलसिला असर की अजान तक जारी रहा।

बिष्टुपुर वाक़ेय करबला में मुखतलिफ़ अखाड़ा कमेटियों, लंगर कमेटियों, करबला कमेटियों के अलावा सामाजिक, सियासी और दानिश्वर तबके के तकरीबन दो हजार से ज़्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। शोहदा ए करबला कमेटी की तरफ से मुनक्कीद चहल्लुम के मौके पर असर की नमाज के बाद खीर की फातेहाख्वानी पेश की गयी और नजर ओ नियाज हुआ। मौलाना निशात रजा ने दुआ पेश की। दुआ में इमाम ए हसन, हुसैन और शोहदा ए करबला का वास्ता देकर अल्लाह से झारखंड में अमन, मोहब्बत और भाईचारा कायम होने की फरियाद की गयी। साथ ही, दुआ की गयी कि वे ऐसे यजीदों को अक्ल अता फरमायें, जो किसी तरह अपनी शिनाख्त छुपाये रख कर फिरका पैदा कर रहे हैं। दुआ के बाद फरजंदाने रसूल और शोहदा ए करबला को दरुदो सलाम पेश किया गया।

मगरिब के वक्त करबला में चिरागां रौशन किये गये। इस मौके पर कमेटी के सरपरस्त अनवर अली, खलीफा बदरुल आलम, अब्बास अंसारी, मोहम्मद सिकंदर, अयूब खान, जफीरुद्दीन कलाल, एकराम खान, मोहम्मद शौकत हुसैन, हसन रिजवी, मोहम्मद इसलाम, राधे प्रसाद यादव, अंबिका बनर्जी, योगेंद्र यादव, गणोश यादव, मोहम्मद सलीम उर्फ मल्लू, ओम प्रकाश सिंह, रमेश हांसदा, फैयाज खान, संतोष पुर्ती, प्रीतम हेंब्रम, राज लकड़ा, अब्दुल बारी, धर्मेंद्र पोद्दार, कमाल गद्दी, अजीज गद्दी, मोहम्मद जहीर चिश्ती, हाजी मोहम्मद निजामुद्दीन, मोहम्मद इलियास, मुमताज अहमद, जियाउद्दीन अंसारी के अलावा काफी लोगों ने शिरकत की।