खुद एतेमादी है बनाती है खूबसूरत और स्टाइलिश

फैशन स्टाइलिस्ट और कास्ट्यूम डिज़ाइनर से अदीब बनी पेरनिया कुरैशी का मानना है कि खूबसूरती को अपने भीतर तलाश करना और अपने खूबसूरत होने के बारे में खुद एतेमादी पैदा करना ही किसी शख्स को स्टाइलिश बना सकता है। सिर्फ दूसरों को कॉपी करने से स्टाइलिश नहीं बना जा सकता।

फिल्म इंडस्ट्री में सोनम कपूर की दोस्त और डिज़ाइनर था स्टाइलिस्ट के रूप में बहुत कम दिनों में ज्यादाशोहरत हासिल करने वाली पेरनिया इन दिनों अपनी पहली किताब बी स्टाइलिश की तशहीर के लिए लिए मुल्क भर के दौरे पर निकली हैं। इसी सिलसिले में हैदराबाद आयी पेरनिया ने खास बातचीत के दौरान कहा कि इस किताब की तजवीज हालांकि उन्होंने एक साल पहले बनाई है, लेकिन इसमें जिन्दगी के कई तजुर्बे उन्होंने शामिल किये हैं।

पेरणिया मानती हैं कि हिन्दुस्तान खूबसरती की कान है। यहाँ खूबसूरत जिस्म और शख्सियतों की कमी नहीं है, लेकिन कई लोगों को अपनी शख्सियत के अंदर छुपी खूबसरती की पहचान ही नहीं हो पाती। किसी भी शख्स को स्टाइलिश होने के लिए हाजमी है कि वह अपनी शख्सी स्टाइल का इख्तेरा(विकास) करे, जिससे दूसरों पर असर तो पड़े, लेकिन खुद भी खुशी महसूस करे। वह मानती हैं कि बहुत खूबसूरत लोग भी अपने लिए अच्छे लिबास का इन्तेख़ाब नहीं कर पाते, जिसकी वज्ह से उनकीशख्सियत में अपील नहीं आ पाती। जाति (निजी) जिन्दगी और प्रोफेशनल जिन्दगी में खुश्नुमा लिबास की मुख्तलिफ शिनाख्त पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा कि जाति जिन्दगी में हम चाहे जो लिबास पहनना पसंद करें, लेकिन फिल्मों में काम करने वाले कलाकारों को इस बात का ध्यान रखना होता है कि यहाँ उनकी नहीं बल्कि उस किरदार का शख्सियत है, जिसे वो निभा रहे हैं।

राजेश खन्ना, मिथुन चक्रवर्ती, साधना, रेखा जैसे कलाकारों की स्टाइल ने कई लोगों को मुतासिर किया था। हालांकि वे भी कहीं से मुतासिर होंगे, इसके बावजूद उनकी स्टाइल उनकी शख्सियत का हिस्सानज़र आती थी, लेकिन आज के कलाकार कई सारे लोगों की कॉपी करते हुए खुद अपनी शख्सियत को भूल जाते है, इसलिए ज्यादा दिन तक याद नहीं रहते।

पेरनिया कहती हैं कि उन्हें कम वक्त में ज्यादाकाम करने की आदत है। यही वज्ह है कि वह अपने दफ्तर में दो तीन घंटे ही काम करती है, लेकिन इतनी देर में आठ घंटों के बरार काम कर देती हैं।