खुद पर ही लागू नहीं पीएम मोदी के बनाए नियम!

वज़ीर ए आज़म नरेंद्र मोदी की हुकूमत में जो नियम बनाए जा रहे हैं वह खुद मोदी पर लागू नहीं हो रहे हैं। मामला वुजराओं के पर्सनल स्टाफ की तकर्रुरी का है। पीएमओ से जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि कोई भी वज़ीर अपने पर्सनल स्टाफ में ऐसे किसी ऑफिसर की तकर्रुरी नहीं करेगा, जो यूपीए हुकूमत के किसी वज़ीर का स्टाफ रह चुका है।

इस ताल्लुक में हुकूमत के पर्सनल डिपार्टमेंट की ओर से खत भी जारी किया गया है। हालांकि इस रस्मी हिदायतसे पहले खबर आई थी कि पीएम मोदी ने ज़ुबानी तौर पर अपने वुजराओं को ऐसी हिदायत दी थी। हैरानी की बात यह है कि पीएम नरेंद्र मोदी का यह नियम वुजराओं पर तो लागू है, लेकिन खुद उन पर नहीं।

मोदी ने एक दिन पहले ही अपने पर्सनल सेक्रेटरी के तौर पर राजीव टोपनो को मुकर्रर किया है जबकि राजीव टोपनो मनमोहन सिंह की हुकूमत में पीएमओ के डायरेक्टर के तौर पर अपनी खिदमात दे चुके हैं। राजीव टोपनो 1996 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस हैं।

पर्सनल स्टाफ मुकरर्रकरने की यह कॉन्ट्रोवर्सी तब सामने आई जब वज़ीर ए दाखिला राजनाथ सिंह 1995 बैच के आईपीएस आफीसर आलोक सिंह को अपना पर्सनल सेक्रेटरी बनाना चाहते थे। यह तकर्रुरी पीएम की तरफ से क्लियर नहीं हुई। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि आलोक सिंह साबिक वज़ीर ए दाखिला सलमान खुर्शीद के पर्सनल सेक्रेटरी के तौर पर काम कर चुके हैं।

इसी तरह वज़ीर ए दाखिला किरन रिजिजू अभिनव कुमार और वज़ीर ए खारेजा वीके सिंह राजेश कुमार को पर्सनल सेक्रेटरी बनाना चाहते थे। ये दोनों तकर्रुरी भी पीएम की ओर से क्लियर नहीं हुईं। इसके पीछे भी वही वजह बताए जा रहे हैं। जहां अभिनव कुमार शशि थरूर के पर्सनल सेक्रेटरी रह चुके हैं, वहीं राजेश कुमार चंद्रेश कुमारी कटोच के पर्सनल सेक्रेटरी के तौर पर खिदमात दे चुके हैं।