क़ुद्स नेट न्यूज ने शुक्रवार को बताया कि कई अरब राज्य फिलिस्तीनी अथॉरिटी के अध्यक्ष और राष्ट्रपति महमूद अब्बास पर डोनाल्ड ट्रम्प के “सदी का सौदा”(डील ऑफ़ द सेंचुरी) स्वीकार करने का दबाव डाल रहे है।
अब्बास के नजदीक के सूत्रों ने जाहिरी तौर पर खुलासा किया है कि सऊदी अरब और जॉर्डन उन लोगों में से हैं जिन्होंने इस समझौते के बारे में अमेरिकी प्रशासन के साथ बातचीत करने के लिए फिलिस्तीन पर दबाव डाल रहे है। जो कहा जाता है कि इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष खत्म हो जाएगा।
वही सूत्रों ने क़ुद्स नेट न्यूज को बताया कि अब्बास, जो सौदे पर अमेरिकी प्रशासन का बहिष्कार करने का दावा करते हैं, अरब राज्यों के दृष्टिकोण पर “हैरान” है। गाजा पर लगाए गए दंडनीय उपायों को खारिज करने के बाद वह फिलिस्तीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के रूप में मानते हैं।
जानकारी के मुताबिक, कहा जाता है कि सऊदी अरब ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति अब्बास को पीए के लिए आवश्यक धनराशि की पेशकश करने के बदले गाजा पट्टी में मानवीय स्थिति में सुधार करने की पेशकश की थी।
साभार- ‘वर्ल्ड न्यूज अरेबीया’