खुले आसमान के नीचे तलबा के लिए पकवान

येल्लारेड्डी,22 जनवरी: सरकारी स्कूलों में दोपहर के खाने को तयार करने के लिए किचन शेड्स का क़ियाम अभी तक सद फ़ीसद मुकम्मल ना होसका। जिस पर ज़्यादा तर स्कूलों में खुले आसमान के नीचे दरख़्तों के साये में ही मिड डे मील्स तय्यार किया जा रहा है। जिस से गिज़ा को ख़तरा बरक़रार है। ज़िला भर के हाई स्कूलों, अप्पर प्राइमरी और प्राइमरी स्कूलों के अहातों में पकवान के लिए शेड्स तामीर करवाए गए लेकिन ज़िले के 470 से ज़ाइद हाई स्कूल होने पर इन में से 370 स्कूलों में किचन शेड की तामीरात ना हो सकें।

तलबा के लिए खाना तयार करने के लिए एजंसी ज़िम्मा दारान मुख़्तलिफ़ दुश्वारियों का सामना कर रहे हैं। इन दिनों तमाम स्कूलों के लिए हुकूमत ने शेड्स की तामीरात के लिए फंड्स भी मंज़ूर किया जो हाई स्कूल पर किचन शेड को बनाने के लिए 75 हज़ार रुपये मंज़ूर किया जो हाई स्कूल पर किचन शेड को बनाने के लिए 75 हज़ार रुपये मंज़ूर किए गए और ये काम महिकमा पंचायत राज के हवाले किया गया और उन्हें मुंख़बा स्कूलों में ओहदेदारों के ज़रीये पकवान शेड तामीर करवाने की ज़िम्मेदारी दी गई।

6/6 फ़ुट का सलाब के साथ किचन शेड में स्टोर रुम भी बनाया जाये और इस के अतराफ़ खिड़कियां, दरवाजज़े लगाए जाएं और हुकूमत के मंज़ूर किए गए 75 हज़ार रुपये का फ़ंड एक किचन शेड के लिए नाकाफ़ी होगा कह कर कई गुत्तादार आगे नहीं आरहे हैं। इस तरह फ़ंड मंज़ूर होने के बाद भी तामीरी काम का आग़ाज़ ना होसका और इन दिनों किचन शेड ना होने पर बाहर तयार किए मेड डे मील्स से मुतास्सिर होकर मंडल लिंगम पेट‌ के मौज़ा में 147 तलबा की जान ख़तरे में पड़ गई थी।

बाहर दरख़्तों के नीचे पकवान करने से कीड़े वगैरह गिज़ा को आलूदा बनाने का ख़दशा है। मौसम बरसात में तो ये काम मुम्किन ही नहीं। फिर भी किचन शेड की तामीरात में मुताल्लिक़ा ओहदेदारों को दिलचस्पी है। फ़ंड में इज़ाफ़ा करते हुए गुत्ता दारों को ये काम दे दिया जाये वर्ना बिना शेड के मिड डे मिल्स एजंसी बेमाना होकर रह जाएगी और तलबा को खाने के लिए ख़तरा लाहक़ रहेगा।