वजीरे आला जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार को खुसुसि रियासत का दर्जा देने की मुताल्बात को लेकर एक-दो दिनों में वजीरे आजम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए वक़्त मांगेंगे।
इसके लिए सरकार की तरफ से आज-कल में वजीरे आजम को खत भेजा जायेगा। 14 नये वज़ीरों के हलफ़ बरदारी के बाद गोवर्नर हाउस में सहाफ़ियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वजीरे आजम से मिलने का वक़्त मिलेगा, तो बिहार की दीगर तुविल मंसूबों के बारे में भी चर्चा करेंगे। उन्होंने मरकज़ी रेल रियासती वज़ीर मनोज सिन्हा के उस इल्ज़ाम को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार में चल रही रेलवे की मंसूबों में रियासत का हिस्सा में कमी हुई है। वजीरे आला ने कहा कि रियासती हुकूमत अपने हिस्से की पूरी रकम दस्तयाब कराती रही है। मरकज़ की साबिक़ हुकूमत ने बिहार के साथ नाइंसाफ़ी किया है।
वजीरे आला ने काबीना तौसिह को लेकर पूछे गये सवाल पर कहा- आगे-आगे देखिए, होता है क्या। उन्होंने कहा कि हुकूमत की मंसूबों को महादलित की झोंपड़ियों तक पहुंचाया जायेगा। जिस रफ्तार से उन्हें फाइदा मिलना चाहिए था, वह नहीं मिला, लेकिन हुकूमत पूरी तरह मुस्तैद है। उन्होंने कहा कि हम लोग पूरी मुस्तैदी और जवाबदेही से बिहार के तरक़्क़ी के लिए काम कर रहे हैं।
हमारी सरकार गरीबों के लिए चलायी जा रही मंसूबों पर तेजी से काम किया जाएगा। गरीबों के टोले, मुहल्ले तक तरक़्क़ी की रोशनी को पहुंचाने के लिए मंसूबा भी बनाया है। वजीरे आला ने कहा कि लोकसभा इंतिख़ाब के जदयू उम्मीदवारों की बैठक बुलायी गयी थी। उनके साथ तजवीज की गयी। इंतिख़ाब में हुए गलत तबलीग से लोगों में भ्रम पैदा हुआ, जिसके चलते ऐसा रिजल्ट आया। उन्होंने कहा कि आवाम हमारे साथ है। हम दुबारा बड़ी ताकत के साथ उभरेंगे। वज़ीर गौतम सिंह के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कि ज़ाती वजूहात से उन्होंने इस्तीफा दिया है। उन पर किसी तरह का इल्ज़ाम नहीं है।