खुसूसी दर्जे के लिए चिरौरी कर रहे वजीरे आला : मोदी

बिहार को खुसूसी रियासत का दर्जा दिलाने के नाम पर कांग्रेस से इत्तेहाद का बहाना वजीरे आला नीतीश कुमार और जदयू ढूंढ रहे हैं। आवाम उनकी मंशा समझ रही है। खुसूसी रियासत का दर्जा तो हमारा हक़ है, इसके लिए हमें भीख मांगने की जरूरत नहीं है। अफसोस इस बात का है कि वजीरे आला इसके लिए वजीरे आजम और मर्कज़ी हुकूमत की चिरौरी कर रहे हैं। ये बातें जुमेरात को भाजपा विधानमंडल दल के लीडर सुशील मोदी ने सहफी कोन्फ़्रेस में कहीं। उन्होंने कहा कि बिहार के खुद्दारी को पीछे रख कर खुसूसी दर्जा मिले, यह कतई मुनासिब नहीं होगा।

जब-जब इंतेखाबात नजदीक आता है, तब-तब कांग्रेस को खुसूसी रियासत का दर्जा याद याता है। सच तो यह है कि मरकज़ में जब एनडीए की हुकूमत बनेगी, तभी दर्जा मिलेगा। उन्होंने कहा कि 27 अक्तूबर को पटना में होनेवाली हुंकार रैली का अहम मुद्दा होगा-‘भीख नहीं, हक़ चाहिए’। उन्होंने कहा, खुसूसी रियासत के दर्जे के मुद्दे पर वजीरे आला नीतीश कुमार और जदयू के लीडर गुमराह कुन प्रोपगेनडा कर रहे हैं।

मरकज़ को जो मेमोरेडम सौंपा गया, उसमें भी गलत अदाद पेश किये गये। जदयू के लीडर मुसलसल कह रहे हैं कि खुसूसी रियासत का दर्जा मिला, तो बिहार की तमाम मसलों का हल हो जायेगा। यह भी कहा जा रहा है कि बिहार को रियासत के हिस्से के रकम का चार हजार करोड़ रुपये मर्कज को नहीं देने होंगे। उन्होंने कहा कि खुसूसी दर्जा हासिल रियासतों को अलग-अलग हिस्सा देना पड़ता है। बिहार को सिर्फ समाजी तहफ्फुज मदद और क़ौमी ज़राअत तरक़्क़ी मंसूबा के तहत सौ फीसद छूट मिलेगी। बकिया 12 मर्कज़ी स्पोंसर मंसूबों में बिहार को हर हाल में हिस्सा रकम देना होगा।

जदयू यह भी ऐलान कर रहा है कि रघुराम राजन कमेटी की रिपोर्ट आते ही बिहार को खुसूसी रियासत का दर्जा मिल जायेगा, जबकि यह सच नहीं है। कमेटी सिर्फ रियासतों के तरक़्क़ी इंडेक्स पर ही रिपोर्ट तैयार कर रही है। जल्द ही कमेटी की रिपोर्ट आनेवाली है। मौके पर भाजपा के रेयासती जेनरल वज़ीर सुधीर शर्मा, ख़वातीन मोरचा की सदर सुषमा साहू और तर्जुमान संजय मयूख भी मौजूद थे।