खु़फ़ीया एकाउंट होल्डर्स की महिदूद इत्तेला देने से स्वीटज़रलैंड का इत्तेफ़ाक़

एक नई तब्दीली में जिससे काले धन की लानत से मुक़ाबला में मदद मिल सकती है स्विटज़रलैंड ने महिदूद इत्तेलाआत की असास पर हिंदूस्तान को मतलूब बाअज़ शख्सियतों के इन्फ़िरादी खु़फ़ीया बैंक एकाउंटस की तफ्सीलात फ़राहम करने से इत्तेफ़ाक़ कर लिया है ।

दोनों मुल्कों के माबेन इस सिलसिला में 20 अप्रैल को एक मुआहिदा तय किया गया था जिस के तहत स्विटज़रलैंड ने हिंदूस्तानी शहरियों की शनाख़्त से मुताल्लिक़ आज़ादाना इत्तेलाआत फ़राहम करने से इत्तेफ़ाक़ कर लिया है ।

वज़ारत फायनेंस की जानिब से जारी कर्दा एक आलामीया में कहा गया है कि अगर हिंदूस्तान किसी शख़्स का नाम और पता बताए बगैर दीगर शनाख़्त ज़ाहिर करे और दीगर मालूमात फ़राहम करे तो इस की तफ्सीलात मालूम करने के लिए ये काफ़ी होगा । मौजूदा बाहमी मुआहिदा के मुताबिक़ शनाख़्त ज़ाहिर करने की दरख़ास्त करने वाले मुल्क के लिए ये ज़रूरी नहीं है कि जिस शख़्स के ताल्लुक़ से मालूमात हासिल करनी है इसका नाम भी बताए ।

दीगर शनाख़्त ज़ाहिर करना भी काफ़ी होगा । आलामीया में कहा गया है कि स्विटज़र लैंड ने जो इत्तेलाआत फ़राहम करने से इत्तेफ़ाक़ किया है वो महिदूद हद तक है और ये बैन अल-अक़वामी म्यारात के मुताबिक़ नहीं है । कहा गया है कि दोनों मुल्कों के माबेन दोहरे टैक्स से बचने के मुआहिदा के तहत ये समझौता हुआ है ।

आलामीया में कहा गया है कि ये मुआहिदा हिंदूस्तान के लिए फ़ायदा बख्श हो सकता है क्योंकि इस के तहत हिंदूस्तान को अपने पास मौजूद बाअज़ इत्तेलाआत के तबादला में इन अफ़राद की शनाख़्त मालूम हो सकेगी जिनके स्विस बैंकों में खु़फ़ीया एकाउंट्स हैं ।

हिंदूस्तान बैन अल-अक़वामी म्यारात के मुताबिक़ स्विटज़र लैंड से इत्तेलाआत के हुसूल का ख़ाहां है ।