खून से लिखा मां के नाम सूइसाइड नोट और की खुदकुशी

इम्तेहान में कम नंबर आने की वजह से नौवीं क्लास के एक तालिब ए इल्म ने खुदकुशी कर ली। 14 साल के प्रखर उर्फ स्नेह ने पहले अपने बाएं हाथ की नस काटी और उसके बाद फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इससे पहले प्रखर ने अपने वलिदैन के लिए एक सूइसाइड नोट भी छोड़ा, जिसे उसने अपने खून से लिखा था।

सूइसाइड नोट में प्रखर ने सोशल साइंस और मैथ में आए कम नंबरों का जिक्र किया, जिसकी वजह से वह बेहद निराश था। जिस वक्त प्रखर ने खुदकुशी की, उसके वालिदैन भोपाल में भोपाल गए थे और घर में कोई नहीं था। उसने पहले नस काटी और फिर पंखे से लटककर जान दे दी।

वाकिया की इत्तेला मिलते ही कोतवाली पुलिस प्रखर के घर पहुंची और लाश को उतारा। इत्त्तेला मिलने के फौरन बाद उसके वालिदैन भी भोपाल से लौटे। सूइसाइड नोट में प्रखर ने लिखा था कि उसे सोशल साइंस में 26 और मैथ में 41 नंबर मिले।

सूइसाइड नोट में प्रखर ने लिखा, ‘मां-पिताजी, मैं आज मरने जा रहा हूं, क्योंकि मैंने आपको बहुत परेशान किया है। मैं आपके पैसे बर्बाद कर रहा हूं। पिताजी, मेरे मर जाने के बाद आप मम्मी पर हाथ मत उठाना। विक्की भइया को नेवी ऑफिसर बनाना। मेरी पढ़ाई के पैसों शीतर और शुभम को खूब पढ़ाना। आपका सुपुत्र/कुपुत्र, प्यारी मां’

प्रखर की बहन ने बताया कि उसका भाई हॉकी का एक अच्छा खिलाड़ी था। वह स्टेट लेवल तक खेला भी था। वह पढ़ाई में भी ठीक था, लेकिन इस बार नंबर कम आने पर बेहद निराश हो गया। नैशनल क्राइम रिसर्च ब्यूरो के मुताबिक 2013 में पढ़ाई से जुड़े वजुहात की वजह से 2471 स्टेडेंट्स ने जान दे दी थी। यह तादाद 2010 के मुकाबले तो कम है, लेकिन 2011 और 2012 के मुकाबले थोड़ा ज़्यादा है।