गडकरी की ताईद के मसला पर बी जे पी में फूट

नई दिल्ली. ०७ नवंबर (पीटीआई) नितिन गडकरी के बहैसियत सदर बी जे पी बरक़रार रहने के मसला पर बी जे पी में फूट पड़ गई । हालाँकि इस का कोर ग्रुप एक बार फिर गडकरी की ताईद ( समर्थन) कर रहा है। इसका इसरार (ज़िद्द/बराबर कहना) है कि ये कोई क़ानूनी यह अख़लाक़ी ग़लती नहीं है।

पार्टी के कोर ग्रुप और जनरल सेक्रेटरीज़ ने मसला पर तबादला ख़्याल किया। ताहम (यद्वपि) पार्टी के सीनीयर लीडर एल के अडवानी ने इसमें शिरकत नहीं की क्योंकि वो गडकरी के सदर बरक़रार रहने पर नाराज़ हैं। गडकरी ने भी इजलास (सभा) में शिरकत नहीं की।

आर एस एस के नज़रिया साज़ों और चार्टर्ड एकाउंटेंट का इस गुरु मूर्ती के इजलास में शिरकत की ख़ुसूसी दावत दी गई थी। ताकि वो गडकरी की कंपनी पूर्ति शूगर एंड पावर लिमिटेड के बारे में सरमाया कारी (निवेश) की तफ़सीलात पेश करें। सीनीयनर क़ाइदीन ( लीडर) अरूण जेटली और सुषमा स्वराज ने पार्टी हेडक्वार्टर्स पर दो घंटा तवील इजलास के बाद एक मुशतर्का बयान जारी किया जिसमें गडकरी की जानिब से किसी भी किस्म की तहकीकात का सामना करने के इरादे की ताईद की गई और पार्टी के तर्जुमान (Spokesperson) रवी शंकर प्रसाद ने कहा कि पार्टी को गडकरी की क़ियादत पर भरपूर एतिमाद (भरोसा/ उम्मीद) है।

इस बयान पर गडकरी ऐसा मालूम होता था कि काफ़ी मुतमईन हैं। अडवानी की इजलास में अदम शिरकत के बारे में सवाल पर सुषमा स्वराज और अरूण जेटली ने कहा कि सुषमा अडवानी से पहले ही मुलाक़ात कर के उन्हें तफ़सीलात से वाक़िफ़ करवा चुकी हैं।

ताहम अडवानी पार्टी के दफ़्तर में दीगर मसरूफ़ियात होने की बिना पर इजलास में शिरकत नहीं कर सके।