गडकरी जासूसी केस में मोदी हुकूमत जवाब दे: मनमोहन सिंह

बी जे पी के साबिक़ सदर और मर्कज़ी वज़ीर ट्रांसपोर्ट नतन गडकरी की जासूसी करने का मुआमला अब तूल पकड़ता जा रहा है| एक तरफ़ जहां गडकरी इस केस‌ को झूटा बता रहे हैं तो दूसरी तरफ़ सियासी पार्टीयां इस पर मोदी हुकूमत को घेरने की तैयारी में लग गई हैं|

साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने कहा है कि मोदी हुकूमत को मुआमले पर ऐवान में जवाब देना चाहिए| साथ ही उन्होंने कहा कि मुआमले की मुंसिफ़ाना जांच होनी चाहिए| डी एम के ने इस केस में गडकरी के किसी क़रीबी के होने का ख़दशा ज़ाहिर की है| इनका कहना है कि कोई घर वाला ही ये काम कर सकता है| इससे पहले एन सी पी ने मुआमले को पार्लियामेंट में उठाने की बात कही है तो कांग्रेस ने पी एम मोदी और वज़ीर-ए-दाख़िला राज नाथ से सफ़ाई मांगी|

गडकरी ने इतवार को उन की जासूसी करने की ख़बरों पर बंदी लगाते हुए कहा कि उनके रिहायश से किसी भी तरह का कोई जासूसी आलात नहीं मिला है| गडकरी ने इतवार को ट्वीट कर ये मालूमात दी| मीडिया में शाय ख़बर ग़लत है| गडकरी के बयान के उलट बी जे पी लीडर सुब्रामणियम स्वामी ने मुआमला यू पी ए के दौर-ए-हकूमत से मुंसलिक बताया है|

स्वामी ने कहा कि ये वाक़िया गुजिश्ता साल अक्तूबर की है जब यू पी ए हुकूमत इक़तिदार में थी और बगै़र इसके मालूमात के नहीं हो सकता है| गौरतलब है कि एक अंग्रेज़ी अख़बार में नतन गडकरी के 13 तीन मूर्ती लेन वाके रिहायश में हाई पावर लसनग [आवाज़ सुनने का सामान] आला लगे होने की बात शाय की गई थी|

रिपोर्ट के मुताबिक़ ख़बर शाय होने के बाद गडकरी के रिहायश की मुकम्मल जांच की गई थी जिस में जासूसी के आलात मिलने की बात कही गई थी| रिपोर्ट के मुताबिक़ गडकरी ने उसकी इत्तिला वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी और आर एस एस के सरबराह मोहन भागवत को भी दी थी|