गणतंत्र दिवस समारोह में कर्मचारियों को आना ज़रुरी वरना उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर सरकार ने अपनी दो दशक पुरानी प्रथा बनाए रखते हुए गणतंत्र दिवस के सरकारी समारोहों में अपने कर्मचारियों की भागीदारी को फिर अनिवार्य घोषित कर दिया है। सरकार ने इस संबंध में जारी सर्कुलर के उल्लंघन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह न्यूज़ 18 के अनुसार जम्मू-कश्मीर के हालात पर गहरी निगाह रखने वाले विश्लेषकों का कहना है कि सरकारी कर्मचारियों को स्वतंत्रत दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होना अनिवार्य है क्योंकि राज्य विशेषकर कश्मीर घाटी में आम नागरिक ऐसी घटनाओं का पूर्ण रूप से बहिष्कार करते हैं।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि ‘यहां तक कि मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेताओं को भी ऐसी समारोह में अपने कार्यकर्ताओं को शामिल होने के लिए राजी करने में खासी कोशिशों करनी पड़ती है।’ रिपोर्टों के अनुसार राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग जिसका कामकाज खुद राज्य मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती देखती हैं, ने सर्कुलर नंबर 03 जीएडी ऑफ 2017 दिनांक 10 जनवरी में घाटी के जिला विकास आयुक्तों से कहा है कि वे 26 जनवरी के समारोह में सरकारी कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित करें।

यह सर्कुलर लागू करते हुए पूर्व जिला बडगाम जिले के विकास आयुक्त ने एक आदेश जारी कर सभी जिला एवं सेक्टर अधिकारियों से कहा है कि वह अपने पूरे कर्मचारियों के साथ अपने संबंधित क्षेत्रों में होने वाली गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल सुनिश्चित बनायें। उपायुक्त बडगाम की ओर से जारी आदेश पत्र में कहा गया है कि 26 जनवरी को कोई छुट्टी नहीं है और इस दिन कोई सरकारी कर्मचारी छुट्टी नहीं ले सकता है। डिक्री में कहा गया है कि ’26 जनवरी को कोई छुट्टी नहीं है। ड्यूटी के हिस्से के रूप में सरकारी कर्मचारी को गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत करनी है। प्रत्येक कर्मचारी को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी और इस दिन के लिए कोई छुट्टी मंजूर नहीं की जाएगी। ‘

जिले के विकास आयुक्त ने इस अध्यादेश का उल्लंघन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। डिक्री में कहा गया है कि ‘सभी जिला और क्षेत्रीय अधिकारियों से कहा है कि वह अपने पूरे अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ गणतंत्र दिवस पर होने वाली समारोह में भागीदारी सुनिश्चित करें।’

कश्मीरी अलगाववादी नेतृत्व सैयद अली गिलानी, मीरवाइज़ मौलवी उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर पूर्ण हड़ताल की कॉल दी है। उन्होंने अपने हाल के विरोध में कैलेंडर में 26 जनवरी को कश्मीरियों के लिए काला दिन करार देते हुए उस दिन पूर्ण सिविल कर्फ्यू की कॉल दे दी है।

वहीं इस बीच आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने एक ताजा वीडियो में कश्मीरी जनता को गणतंत्र दिवस समारोह से दूर रहने के लिए कहा है। वीडियो शेयरिंग वेबसाइट यूट्यूब पर उपलब्ध दस मिनट लंबे वीडियो में एचएम कमांडर ने कश्मीरी जनता से मुखातिब होकर कहा, कि “हम 26 जनवरी को लेकर पूरे देश से अपील करते हैं कि वह काला दिन के रूप में मनाया जाए और किसी भी सरकारी कार्यक्रम, सेना या पुलिस द्वारा आयोजित कार्यक्रम का हिस्सा न बनें। जो कोई इन प्रोग्रामों में शिरकत करेगा, उसे गद्दार माना जाएगा और उसे खौफ़नाक सज़ा दी जाएगी। ‘