गदवाल के ज़ेड पी टी सी बी भास्कर पर क़िस्मत मेहरबान

ज़िला परिषद के नौवें चेयरमेन की हैसियत से गदवाल के जैड पी टी सी बनडारी भास्कर का चुनाव अमल में आया। ज़िला परिषद की अब तक की तारीख़ पर एक नज़र डाली जाये तो पहले चैरमैन ए रामचंद्र रेड्डी मुंतख़ब हुए थे जिन की मीयाद 01 जनवरी 1959 से 31 मार्च 1964 थी।

दूसरे चेयरमेन की हैसियत से के के रेड्डी 01 अप्रैल 1964 से 8 फ़बरोरी 1976 तक कारगुज़ार रहे। तीसरे चैरमैन वि नारायण रेड्डी थे ।जिन्होंने 9 जुलाई 1981 से 14 फ़बरोरी 1983 तक ख़िदमात अंजाम दें चौथे चैरमैन की हैसियत से डी गोपाल रेड्डी 7 अप्रैल 1983 से 8 जुलाई 1986 तक कारगुज़ार रहे। 5 वीं चैरमैन जय वीनकटया ने 2 मई 1987 से 20 मई 1992 की मयाद मुकम्मिल की।

छुटे चेयरमेन आई यनकट राव 2 मई 1995 से 19 मार्च 2000 तक कार गुज़ार रहे सातवें चैरमैन की हैसियत से सीता दयाकर रेड्डी 23 जुलाई 2001 से 22 जुलाई 2006 तक कारगुज़ार रहे।

8 वीं चेयरमेन की हैसियत से के दामोधर रेड्डी 23 जुलाई 2006 से 20 जून 2011 तक अपनी ख़िदमात अंजाम दें। इस तरह नई रियासत तेलंगाना में ज़िला महबूबनगर से टी आर एस उम्मीदवार बनडारी भास्कर को मुंतख़ब किया गया।

इन का ताल्लुक़ एससी तबक़ा से है। बी भास्कर पेशा से हम्माल हैं जो करनूल रेलवे स्टेशन में हम्माली किया करते थे। सियासी मैदान में उनके उरूज का सितारा एसा चमका कि वो जैड पी चैरमैन की कुर्सी पर बिराजमान होगए।

वो गदवाल मंडल के मौज़ा का कोरारम के नाराय‌ना और देवम्मा के सपूत हैं। ग़रीब दलित ख़ानदान से उन का ताल्लुक़ रहा है वो करनूल में सातवें जमात तक तालीम हासिल की लेकिन ख़ानदान की कफ़ालत के लिए अपनी चार एकऱ् ज़मीन पर काशत शुरू करदी इसी दौरान वो करनूल रेलवे वयागन में हम्माली का काम करने लगे। इस के बाद वो अपने गावं का कूलरइरम से अपने वालिद ना राय‌ना को 1980 से 1990 तक दो मयादों के लिए सरपंच मुंतख़ब किराया और सियासी क़ाइदीन से अपने रोअबिता को मज़बूत बनाया और गदवाल हलक़ा असेंबली टी आर एस इंचार्ज कृष्णा मोहन रेड्डी के साथ सरगर्म सियासत में मसरूफ़ होगए।

2001 से 2006 तक अपने मौज़ा के सरपंच मुंतख़ब हुए। हालिया मुनाक़िदा जैड पी टी सी में हलक़ा गदवाल जो एससी के लिए महफ़ूज़ था मुक़ाबला करते हुए टी आर एस उम्मीदवार की हैसियत से कामयाब हासिल की क़िस्मत उन पर बड़ी मेहरबान थी और उन्होंने जैड पी चैरमैन के ओहदे पर क़बज़ा करलिया।