गयूर जमाली से तहसीन ने पढ़ा था दहशतगर्द का पाठ

जिस उम्र में लड़कों को 10वीं व 12वीं की इम्तिहान पास करने का तनाव होता है, उस उम्र में समस्तीपुर के रहने वाले तहसीन अख्तर उर्फ मोनू दहशतगर्द का सबक सीख रहा था। मोनू को दहशतगर्द की पहली तालीम मधुबनी की सकरी के रहनेवाले आइएम दहशतगर्द गयूर अहमद जमाली ने दी थी। वह जमाली ही था, जिसने साल 2010 में मोनू को यासिन भटकल से मिलवाया था और मोनू ने यासिन भटकल को दरभंगा में रखा था।

जुलाई, 2013 में बोधगया व अक्तूबर, 2013 में पटना के गांधी मैदान में सीरियल बम धमाकों के बाद तहसीन उर्फ मोनू छत्तीसगढ़ के रास्ते केरल भाग गया था। बाद में वह केरल से राजस्थान के गोपालगढ़ और बाद में नेपाल की दारुल हुकूमत काठमांडो में छिप कर अपने भारत मुखालिफत साजिशों को अमलीजामा पहनाने में लगा रहा। अपनी गिरफ्तारी के वक़्त वह काठमांडो से नॉर्थ बंगाल के रास्ते बांगलादेश भागने की फिराक में था, ताकि वहां आइएसआइ की मदद से वह पाकिस्तान भाग सके।

खुफिया एजेंसी आइबी के ज़राये बताते हैं कि तहसीन ने पाकिस्तानी दहशतगर्द जियाउर रहमान उर्फ वकास के साथ मिल कर राजस्थान के गोपालगढ़ में दरभंगा व मधुबनी के तर्ज पर जेहाद के लिए वहां के मुक़ामी नौजवानों का लंबा-चौड़ा नेटवर्क कर लिया है। जबकि, केरल में मुन्नार के जंगलों में वह जुनूबी भारत के कई रियासतों के नौजवानों को जेहाद के लिए उकसाने का काम करता था। ज़राये बताते हैं कि तहसीन वेश के साथ-साथ जुबान बदलने में माहिर है और वह बड़ी आसानी से मुक़ामी ज़ुबान सीख जाता है। इसका फायदा उसने खुफिया और सेक्यूरिटी एजेंसियों को छकाने में किया है।

तैयार किया मजबूत नेटवर्क : जब एनआइए की टीम ने जमाली को साल 2011 में गिरफ्तार कर लिया, तो मुल्क में आइएम का अहम यासिन भटकल को तहसीन का साथ मिला और तहसीन उसने जुनूबी बिहार में आइएम को एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर लिया। यासिन भटकल ने ही तहसीन को पहला कोड नाम ‘हसन’ दिया था। ज़राये की मानें, तो तहसीन ने भी पाकिस्तान के वजीरिस्तान की दहशतगर्द कैंप में असलाह और बम बनाने का तरबियत हासिल किया है। उसे बमों को ज़्यादा से ज़्यादा नुकसानदेह बनाने में भी महारत हासिल है। एनआइए और आइबी की टीम ने गुजिशता साल जब यासिन भटकल को नेपाल में गिरफ्तार किया था, तब तहसीन जोधपुर में रह रहा था। गुजिशता साल दिसंबर से इस साल जनवरी तक वह केरल के मुन्नार में वकास के साथ था। अब खुफिया और सेक्यूरिटी एजेंसियों को तहसीन के अहम साथी हैदर अली और नुमान की तलाश है। ज़राये की मानें, तो उन्हें भी जल्द ही दबोच लिया जायेगा।