गरजे लालू, बोले, ”स्पीकर के घर तलाशी लो, नक्सली मिलेंगे”

राजद में टूट की खबरों के दरमियान आनन-फानन में दिल्ली से पटना पहुंचे लालू प्रसाद मंगल को पुराने तेवर में दिखे। एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने वजीरे आला नीतीश कुमार और स्पीकर उदय नारायण चौधरी पर हमला बोला। कहा-बीजेपी से डायवोर्स के बाद अल्पमत में आ गया नीतीश पागल हो गया है। वह घटिया स्कैंडलिस्ट है। जम्हूरियत के साथ घात करने वाले नीतीश को आवाम धूल चटाएगी।

वे घर पहुंचे। कारकुनान में जोश भरा। फिर पैदल एसेम्बली की तरफ निकल पड़े। रास्ते में स्पीकर के रिहाइशगाह के सामने नारे लगाए। वहां कुछ कारकुनान ने एसेम्बली सदर के रिहाइशगाह पर पत्थर फेंके। फिर चल पड़े। रास्ते में सचिवालय आया। फिर लोग बेकाबू हुए। पुराने सचिवालय से ही एसेम्बली में घुसने की कोशिश की। गेट तोडऩे लगे। लालू ने रोका।

काफिला एसेम्बली पहुंचा। मार्शलों ने गेट बंद कर दिए। लोग फिर गुस्सा हुए। लालू ने कहा-जिनके पास एसेम्बली का पास है, वही अंदर जाएंगे। अंदर पहुंचे तो स्पीकर नहीं मिले। अब लालू का सब्र टूट गया। इंचार्ज सेक्रेटरी फूल झा के कमरे में पहुंचे और कहा- उदय मेरा पीए था। हमने जेल वज़ीर बनाया। आप बताइए, जब हमने अपने किसी एमएलए को न निकाला और न सस्पेंड किया तो वे राजद के साबिक़ एमएलए कैसे हो गए। यह हुक्म कैसे निकला। किसके इशारे पर निकला। स्पीकर ने अंधेर किया है। हम उससे पूछने आए तो वह भाग गया। वह हमारे एमपी राजेश कुमार का क़ातिल है। नीतीश उसको बचा रहा है। उसके घर पर रेड पड़े तो कई नक्सली मिलेंगे। 9 एमएलए का तहरीरी सेर्टिफिकेट इंचार्ज सेक्रेटरी को सौंपा। बाहर निकले और रिक्शे पर सवार होकर गवर्नर हाउस की तरफ चल दिए।

स्पीकर के घर…

इस बार उन्होंने बेली रोड को चुना और नारा लगाते, नीतीश को कोसते गवर्नर हाउस पहुंचे। गवर्नर से कहा- आपके रहते रियासत में कानून की धज्जियाँ उड़ा दी गई। अलग ग्रुप की मंजूरी मंसूख कराईये। वहां से 10 सर्कुलर रोड पहुंचे और प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश कुमार और नरेन्द्र मोदी पर जमकर भड़ास निकाली। नया नारा गढ़ा- नीतीश हटाओ बिहार बचाओ- मोदी हटाओ देश बचाओ।

स्पीकर के घर पर फेंके पत्थर…

लालू के साथ पहुंचे कर्कुनान ने एसेम्बली सदर उदय नारायण चौधरी के घर पर पत्थर फेंके। बाद में पुलिस ने रिहाइशगाह की सेक्युर्टी बढ़ा दी और कहा कि हम वीडियो फुटेज देखेंगे। उधर, एसेम्बली सदर ने कहा कि जिस ढंग से मेरे रिहाइशगाह पर हमला किया गया, वह हैरतअंगेज है। मैं कमजोर तबके से आता हूं, इसीलिए इन्होंने हमला किया है। कमजोर तबका तो शुरू से इनके निशाने पर रहा है।