मुंबई 5 मार्च : गर्मा का मौसम आते ही दफ़तरों में काम करने वाले, तलबा-ए-, शॉपिंग करने वाले, शादी ब्याह में शिरकत करने वाले और दीगर जब अपने घर से निकलते हैं तो अपने साथ ठंडे पानी की बोतल ज़रूर लेकर चलते हैं क्योंकि गर्मा में पानी की ज़रूरत में शिद्दत पैदा होजाती है और हमारा जिस्म बार बार dehydration का शिकार होजाता है ।
अगर पानी का इस्तिमाल ना किया जाय तो सड़क पर बेहोश होकर गिरने का अंदेशा भी रहता है । ज़रूरत इस बात की है कि अगर सख़्त धूप में हमारा बाहर निकलना होता है तो बहुत ज़्यादा ठंडा पानी पीने की ज़रूरत नहीं है । पानी अगर कम ठंडा भी होगा तो ये प्यास को बुझाने में मददगार साबित होगा ।
सूरज की तेज़ रोशनी और बर्फ़ का पानी एक दूसरे के दुश्मन हैं । तप्ती धूप में सूरज के नीचे बर्फ़ीले पानी के इस्तिमाल से परहेज करना चाहीए । अलबत्ता शाम के वक़्त घर से निकलने वाले अपने साथ नियम ठंडा पानी लेकर चल सकते हैं क्योंकि सूरज डूबने के बाद मौसम में वो तपिश बाक़ी नहीं रहती जो दिन के वक़्त होती है ।
पानी का इस्तिमाल करने के फ़ौरी बाद कोई और जूश ना पियें वर्ना वो प्यास को दुबारा बहाल करदेता है और पानी पीने का मक़सद फ़ौत होजाता है ।