हैदराबाद 16 दिसंबर: रियासती महिकमा तालीमात ने मौसिम-ए-गर्मा के आग़ाज़ पर मदारिस के औक़ात कार में तबदीली के ज़रीये एक वक़्त का मदर्रिसा रखने के हिसब रिवायत तरीका-ए-कार को ख़त्म करने के इक़दामात करेगी। बावसूक़ ज़राए ने ये बात बताई और कहा के साबिक़ में मौसिम-ए-गर्मा के पेशे नज़र 15 मार्च ता 23 अप्रैल रियासत भर में तमाम मदारिस एक वक़्त (नसफ़ यौम) यानी सुबह 8 बजे ता 12.30 बजे तक ही हुआ करते थे।
दोपहर में तलबा-ओ- तालिबात के साथ असातिज़ा को भी छुट्टी दी जाती थी जिसकी वजह से तलबा पढ़ने पर तवज्जा देने के बजाये दुसरे सरगर्मीयों, खेल कूद , घरेलू काम काज में मसरूफ़ रहा करते थे लिहाज़ा महिकमा तालीमात ने इस तरीका-ए-कार पर अज़सर-ए-नौ ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करके एक वक़्त के मदर्रिसा का तरीका-ए-कार ख़त्म करके रोज़मर्रा की तरह मौसिम-ए-गर्मा शुरू होने के बावजूद मदारिस को मुक़र्ररा औक़ात के मुताबिक़ ही चलाने का फ़ैसला किया है।
तमाम डिस्ट्रिक्ट एजूकेशनल ऑफीसरस को अहकामात जारी करते हुए डायरेक्टर कमिशनर महिकमा तालीम की तरफ से तालीमी साल का कैलिंडर मुरत्तिब करके इस कैलिंडर के मुताबिक़ अमल करने की हिदायत दी गई है।