गर्मी का मौसम, नारीयल का पानी और क़ुदरती फलों का रस मुफ़ीद

गर्मी बढ़ रही है और साथ ही साफ़्ट ड्रिंक्स का कारोबार भी ज़ोर पकड़ चुका है। एक इश्तिहार एकदम असली लोगों को ललचा रहा है तो दूसरा का इश्तिहार बिलकुल घर जैसा के साथ लोगों को रुझा जा रहा है। दूसरी तरफ़ साफ़्ट ड्रिंक्स पर किए गए रिसर्च से ज़ाहिर होता है कि साफ़्ट ड्रिंक्स अगर भारी मिक़दार में पिया जाय तो ये सेहत के लिए मुज़िर (नुकसान)होगा। साफ़्ट ड्रिंक्स में फ़ास्फ़ोरिक एसीड होता है, जिस से हडीयों और दाँतों को नुक़्सान होता है।

वे वीकाननदा हेलत सेंटर के डाक्टर ओ ए शर्मा कहते हैं कि ये महज़ मफ़रूज़ा हैकि साफ़्ट ड्रिंक्स ऐसी ड्युटी Acidity से मुतास्सिर लोगों के लिए मुफ़ीद है। इस में कोई सच्चाई नहीं है। इस के बरख़िलाफ़ साफ़्ट ड्रिंक्स में मौजूद फ़ास्फ़ोरिक एसीड से पेट में हाईड्रो किलोरिक एसीड की कारकर्दगी को बुरी तरह मुतास्सिर करता है और बेचैनी और बे क़रारी बढ़ जाती है।

इस वक़्त मार्किट में पेप्सी और कोका कोला में क़ीमतों के हवाले से ज़बरदस्त मुसाबक़त चल रही है और मार्किट में दूसरे नए मशरूबात भी आए हैं। इस दौरान शहर के हर नुक्कड़ पर सोडा मर्कज़ क़ायम हैं। साईंसदाँ और डिप्टी डायरैक्टर EPIDEMILOGY-ओ-सदर शोबा कम्यूनिटी एसटडीज़ नैशनल इंस्टीटियूट आफ़ न्यूट्रीशन ने कहा कि साफ़्ट ड्रिंक्स के ज़्यादा इस्तिमाल से चिड़चिड़ापन और उलझन जैसे नफ़सियाती मसाइल पैदा होसकते हैं और याददाश्त भी कम होसकती है। बाज़ार में पयाक किए हुए फलों के जूस भी दस्तयाब हैं।

जो ग़रीब की दस्तरस से बाहर हैं। इस की क़ीमत 85 रुपये और 120 रुपये के दरमयान है। ग़रीब सड़कों के किनारे सस्ते दाम दस्तयाब फलों का रस इस्तिमाल करते हैं। साफ़्ट ड्रिंक्स महंगे फ़रुट जूस और नाक़िस सस्ते दाम फ़रोख़त किए जाने वाले जूस से बेहतर है कि अवाम अपने घर में साफ़ सुथरे पानी में लेमूँ निचोड़ कर पी लें। गर्मा के मौसम में नारीयल पानी और दूसरे क़ुदरती फलों का रस सेहत के लिए बहुत अच्छा है।

तरबूज़ का इस्तिमाल भी बेहद मुफ़ीद है। लेमूँ के रस के फ़वाइद बेहिसाब हैं। अपोलो हॉस्पिटल जुबली हिलज़ के सर्जीकल गैस्ट्रो इंट्रो लो जस्ट डाक्टर पी विनय कुमार कहते हैं कि कारबोनीड ड्रिंक्स बहुत नुक़्सान पहूँचाने वाले हैं। इस से पेट में बिगाड़ पैदा होता है। अगर अल्सर के मरीज़ ये ड्रिंक्स इस्तिमाल करते हैं तो उन का अल्सर बढ़ जाएगा बल्कि फट जाएगा और इस से ज़िंदगी ख़तरा में पड़ सकती है।