गलत जांच के लिए CBI पर लगा 15 लाख का जुर्माना

महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पटना के मृतक एमबीए छात्र संतोष सिंह के मामले में गलत जांच के कारण न्याय मिलने में विलम्ब के कारण के उसके पिता विजय सिंह को 15 लाख रुपए का हर्जाना देने का निर्देश दिया है।

उल्लेखनीय है कि विजय सिंह का बेटा संतोष 15 जुलाई 2011 को पहली मंजिल की बालकनी में वह मृत पड़ा मिला था। खारगढ़ पुलिस के सामने दोस्त जितेंद्र ने संतोष के शराब के नशे में टॉयलेट की खिड़की से कूदकर आत्महत्या करने की बात कही थी।

पुलिस ने दुर्घटनावश हुई मौत का केस दर्ज किया। लेकिन पिता विजय को पुलिस की जांच पर विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

कोर्ट ने जाँच सीआईडी को सौंपी।लेकिन मामले की प्रगति से असंतुष्ट पिता ने फिर कोर्ट में गुहार लगाई तो यह मामला सीबीआई को सौंपा गया।

बता दें कि इस गंभीर मामले में सीबीआई ने इसे आत्महत्या बताकर पनवेल कोर्ट में जज के पास क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी। लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रिपोर्ट को मंजूर करने से इसलिए मना कर दिया था. क्योंकि इसमें कई दोष थे और हत्यारोपी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था.इस पर विजय सिंह ने मानवाधिकार आयोग में वर्ष 2011 में शिकायत दर्ज करवाई।

आयोग ने कहा कि मजिस्ट्रेट कोर्ट को पता चला है कि सीबीआई ने गलत दिशा में जांच की, जिसके कारण उन्हें न्याय मिलने में देरी हुई इसलिए सीबीआई संतोष के पिता विजय सिंह को 15 लाख रुपए का हर्जाना दे।