गवर्नर का ओहदा नहीं चाहिए : यशवंत सिन्हा

भाजपा के सीनियर लीडर यशवंत सिन्हा 17 दिन बाद जेपी सेंटर जेल से बाहर आये। जुमेरात दोपहर एक बजे मिस्टर सिन्हा समेत 62 लीडर-कारकुनान रिहा किये गये, तो जेल गेट पर उनका इस्तकबाल किया गया। रिहाई के बाद यशवंत सिन्हा ने कहा : मुझे गवर्नर का ओहदा नहीं चाहिए। 21 जून को रांची में रियासती भाजपा की बैठक में रियासत सतह की तहरीक की पॉलिसी तय होगी। जिस तरह तहरीक और जेल जाकर बेस गांव में बिजली लाया हूं, पूरे झारखंड में बिजली को लेकर तहरीक करूंगा।

रियासत में सबसे बदउनवान बिजली महकमा है। सरकारी महकमा काम नहीं कर रहा है। इसलिए तहरीक करना पड़ा। अब इस तहरीक को वजीरे आला ओहदे से जोड़ा जा रहा है। वजीरे आला का ओहदा मेरे लिए बहुत छोटा है। रियासत की मसायलों के हल के लिए मेरा तहरीक जारी रहेगा।

20 साल बाद बेस गांव में बिजली आयी : जेल से निकल कर यशवंत सिन्हा समेत भाजपा लीडरों का काफिला बेस गांव गया। वहां बिजली सप्लाय निज़ाम का इफ़्तिताह किया। यशवंत सिन्हा के साथ बेस गांव के 20 से ज़्यादा लोग जेल गये थे। 20 सालों के बाद इस गांव में बिजली आयी है। बेस गांव में बिजली पहुंचाने को लेकर तहरीक की वजह से ही यशवंत सिन्हा तीन जून को जेल गये थे। बेस गांव में बिजली पहुंचते ही गांव के लोगों ने दीवाली मनायी। खूब पटाखे छूटे। गांव के लोग इस खुशी को यादगार बनाने में लगे हुए थे।