नारायण स्वामी की नरसिम्हन से मुलाक़ात , सदर टी आर एस को तेलंगाना के हक़ में फैसला का तीक़न रियास्ती गवर्नर ई ऐस ईल नरसिम्हन की जानिब से नई दिल्ली में मर्कज़ी क़ाइदीन से जारी मुलाक़ातों में टी आर ऐस और तेलंगाना के हामी जमातों ने उलझन पैदा करदी है चूँकि रियास्ती गवर्नर का शुमार तेलंगाना के मुख़ालिफ़ीन में होता है लिहाज़ा टी अर एस को अंदेशा है कि वो मर्कज़ी हुकूमत को मुख़ालिफ़ तेलंगाना रिपोर्ट पेश कररहे हैं ।
नई दिल्ली में गुज़िशता दो दिन से गवर्नर की सरगर्मीयों ने एक तरफ़ कांग्रेस तो दूसरी तरफ़ टी आर ऐस हलक़ों में तजस्सुस पैदा करदिया है । रियास्ती गवर्नर ने कल और आज नई दिल्ली में मसरूफ़ तरीन दिन गुज़ारा । उन्हों ने आज मर्कज़ी वुज़रा सुशील कुमार, शेंडे पी चिदम़्बरम और नारायण स्वामी से मुलाक़ात की। ताहम उन्हों ने मुलाक़ात की तफ़सीलात के बारे में अख़बारी नुमाइंदों से कोई बातचीत नहीं की ।
रियास्ती असैंबली में अलहदा तेलंगाना के बारे में टी आर एस की जानिब से गड़बड़ पैदा करने और अवामी मसाइल पर मुबाहिस ना होने के बारे में पूछे गए सवाल का गवर्नर ने कोई जवाब नहीं दिया । सुशील कुमार शनडे हाल ही में वज़ीर-ए-दाख़िला की ज़िम्मेदारी सँभाले हैं और बताया जाता है कि तेलंगाना मसले की यकसूई के सिलसिले में वो कल जमाती मीटींग करना चाहते हैं ।
रियास्ती गवर्नर ने उन्हें ताज़ा तरीन सयासी सूरत-ए-हाल और खासतौर पर 30 सितंबर के तेलंगाना मार्च प्रोग्राम से वाक़िफ़ करवाया । गवर्नर ने वज़ीर फेनानस पी चिदम़्बरम से भी मुलाक़ात की जो साबिक़ में वज़ीर-ए-दाख़िला की हैसियत से तेलंगाना मसले पर कल जमाती मीटींग करचुके हैं ।
वज़ीर-ए-आज़म के दफ़्तर के वज़ीर नारायण स्वामी से गवर्नर की मुलाक़ात एहमीयत की हामिल हैं । दिलचस्प बात ये है कि गुज़िशता दो हफ़्तों से सदर टी आर ऐस चन्द्र शेखर राव नई दिल्ली में क़ियाम पज़ीर हैं लेकिन नरसिम्हन ने इन से मुलाक़ात नहीं की । रियास्ती गवर्नर ने कल वज़ीर-ए-आज़म डाँक्टर मनमोहन सिंह सदर कांग्रेस सोनीया गांधी ,आंध्रा प्रदेश उमूर के इंचार्ज ग़ुलाम नबी आज़ाद और मर्कज़ी वज़ीर वीलार रवी से मुलाक़ात की थी ।
टी आर ऐस हलक़ों को इस बात की तशवीश है कि अगर ये मुज़ाकरात तेलंगाना तशकील के हक़ में है तो फिर चंद्रा शेखर राव को इस में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है । रियास्ती गवर्नर की मस्रूफ़ियत और उन की मुलाक़ातों से टी आर ऐस हलक़ों को अंदेशा है कि गवर्नर और मर्कज़ी हुकूमत की सरगर्मीयां तेलंगाना मसले को टालने की एक कोशिश होसकती हैं । ताहम चंद्रा शेखर राव ने अपने क़रीबी साथीयों को यक़ीन दिलाया कि सदर कांग्रेस सोनीया गांधी पर उन्हें मुकम्मल भरोसा है कि वो अलहदा रियासत के हक़ में फ़ैसला करेंगी ।