गवर्नर के ख़ुतबे में मुस्लिम तहफ़्फुज़ात का तज़किरा नहीं

गवर्नर ई एस एल नरसिम्हन के ख़ुतबे में मुसलमानों को 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात की फ़राहमी का कोई तज़किरा नहीं किया गया जबकि दर्ज फ़हरिस्त क़बाईल को तालीम-ओ-रोज़गार में 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात के हुकूमत के अह्द का अआदहकया गया। तेलंगाना असेंबली और कौंसिल मुशतर्का मीटिंग से गवर्नर के ख़िताब में मुस्लिम तहफ़्फुज़ात का अदम तज़किरा मुस्लिम अरकान के लिए हैरत का बाइस रहा।

हुकूमत ने दर्ज फ़हरिस्त क़बाइल की बहबूदी और उनके लिए कल्याण लक्ष्मी स्कीम के तज़किरे के अलावा ज़ाइद बजट की मंज़ूरी का इशारा दिया जबकि अक़लियतों की बहबूद के तज़किरे में 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात के वादे को शामिल नहीं किया गया हालाँकि हुकूमत ने मुसलमानों और दर्ज फ़हरिस्त क़बाईल को तालीम-ओ-रोज़गार में 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात फ़राहम करने का वादा किया है ताहम गवर्नर के ख़ुतबे में मुस्लिम तहफ़्फुज़ात का तज़किरा ना होना हुकूमत की संजीदगी पर सवालिया निशान है।

गवर्नर के ख़ुतबे में शहर की तरक़्क़ी, सरकारी दफ़ातिर की मुंतक़ली, शहर को दरया-ए- कृष्णा से पानी की सरबराही और ग़ैर मजाज़ क़ब्ज़ों को बाक़ायदा बनाने से मुताल्लिक़ उमोर शामिल नहीं हैं। हैदराबाद को महफ़ूज़ शहर बनाने, सरमाया कारी का पुरकशश मर्कज़ बनाने हुकूमत के इक़दामात का ज़िक्र तो किया गया लेकिन अवाम को बुनियादी सहूलतों की फ़राहमी और पानी की क़िल्लत के इक़दामात का तज़किरा शामिल नहीं है।