गवर्नर ने दो बिलों को मंजूरी दी

पटना 16 मई : गवर्नर डॉक्टर डी वाई पाटिल ने जेरेगौर 8 बिलों में से आज दो बिलों को मंजूरी दे दी। बिहार कु-ओपरेटिव कमेटी बिल 2013 और बिहार कु-ओपरेटिव सोसायटी (तर्मिमी) बिल 2013 पर अपनी मंजूरी की मुहर लगा दी। उन तर्मिमी बिलों के नाबिज होने से कु-ओपरेटिव अदारों में 50 फिसद सीटें औरतों के लिए मखसूस हो जायगी। इस के साथ ही कु-ओपरेटिव कमिटियों में डायरेक्टर की ज्यादा से ज्यादा तादाद 21 होंगे।

डायरेक्टर और अफसरान की मुद्दत पांच बरसों की होगी और डायरेक्टर डिविजन में समाज के सभी तबका दर्ज फेहरिस्त ज़ात व कबायल, पश्मंदा और इन्तेहाई पश्मंदा ख्वातीन के नुमय्न्दे की हिस्सादारी यकीनी बनाना लाज़मी होगी। गवर्नर के एड़ीसी के मुताबिक डॉक्टर पटेल ने बुध को शाम दो बिलों को मंजूरी दे दी। आईन के तहत नितीश हुकूमत ने 1935 में बने बिहार को कु-ओपरेटिव सोसायटी को फाल बनाने के लिए उसमे तरमीम किया है। तरमीम के तहत कु-ओपरेटियों के लिए माली साल के एख्तेताम के 6 महीने के अन्दर सालाना रिकॉर्ड और ऑडिट रिपोर्ट देना लाज़मी होगा। कु-ओपरेटिव कमेटियों की तशकील इसे चलाने की सिलसिले में तज़वीज़ रखे गए हैं। बैंकिंग कारोबार करने वाली कु-ओपरेटिव कमेटी के मामले में बैंकिंग रेगुलाशन एक्ट 1949 की तजवीज़ नाफ़िज़ होगी। डायरेक्टर डिविजन को ज्यादा से ज्यादा 6 महीने की मुदत के लिए सस्पेंशन होगा। ख्याल रहे की गवर्नर के सामने माजिद 6 बिल मंजूरी के लिए जेरेगौर हैं।