उत्तर प्रदेश के गवर्नर बी एल जोशी की मुद्दत अगरचे 12 अप्रैल 2012 को ख़तम हो गई है लेकिन उन की मुद्दत बहैसीयत यूपी के गवर्नर के तौर पर ख़त्म हुई कि नहीं इस पर आईनी सवाल उठ खड़े हुए हैं और इलहाबाद हाइकोर्ट लखनऊ बंच में एक वकील अशोक पांडे एडवोकेट ने मफ़ाद-ए-आम्मा की रिट दाख़िल करके ये सवाल उठाया है कि गवर्नर बी एल जोशी की 12 अप्रैल 2007 को मेघालय या किसी दूसरी रियासत में गवर्नर के ओहदा पर तक़र्रुरी हुई थी इसके बाद उन्हें उत्तराखंड रियासत का गवर्नर बनाया गया और वो 27 जुलाई 2009 को यूपी के गवर्नर पर आए इसलिए यूपी में उन के गवर्नर की मुद्दत 27 अप्रैल 2014 को ख़त्म होगी।
इलहाबाद हाइकोर्ट की डीवीजन बंच मिस्टर जस्टिस वे के दिक्षित और मिस्टर जस्टिस ओम वीर सिंह की अदालत ने इस मुआमले की आज समाअत करते हुए इस सिलसिले में मर्कज़ी हुकूमत ने 10 मई तक अदालत में जवाब दाख़िल करने को कहा है। मर्कज़ी हुकूमत की जानिब से इस रिट पर बहस मिस्टर अशोक निगम एडवोकेट, आई एम फ़ारूक़ी एडवोकेट और रियास्ती हुकूमत की जानिब से एडीशनल एडवोकेट जनरल मिस्टर ज़फ़रयाब जीलानी एडवोकेट ने बहस की।