हैदराबाद २८। मार्च (सियासत न्यूज़) कांग्रेस पार्टी हाईकमान मर्कज़ी वज़ीर-ए-सेहत मिस्टर ग़ुलाम नबी आज़ाद को आंधरा प्रदेश कांग्रेस उमूर की ज़िम्मेदारीयों से आज़ाद करने पर ग़ौर कर रही है ? ग़ुलाम नबी आज़ाद आंधरा प्रदेश में कांग्रेस की क्षति को भंवर से निकालने में नाकाम रही। हाईकमान के साथ आंधरा प्रदेश के कांग्रेस क़ाइदीन भी आज़ाद की कारकर्दगी से मुतमइन नहीं है । हालिया 4 रियास्तों में कांग्रेस पार्टी की शिकस्त के बाद कांग्रेस पार्टी शिकस्त का पोस्टमार्टम करते हुए बदहाल कांग्रेस कैडर में नया जोश-ओ-ख़ुरोश भरने की कोशिश कर रही है ।
जिन रियास्तों में कांग्रेस पार्टी बरसर-ए-इक्तदार है , इन रियास्तों में इंतिख़ाबी मंशूर के ज़रीया अवाम से जो भी वाअदे किए गए थे इस को पूरा करने पर तवज्जा देने की चीफ़ मिनिस्टर्स को हिदायत दे रही ही। आंधरा प्रदेश में चीफ़ मिनिस्टर की तबदीली के बावजूद कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी झगड़े हल नहीं होने ग्रुप बंदीयों में शिद्दत पैदा होजाई, तलंगाना मसला पर पार्टी कई ग्रुप में तक़सीम होजाने पर फ़िक्रमंद है । कांग्रेस के क़ाइदीन में ताल मील का फ़ुक़दान ही। चीफ़ मिनिस्टर और वुज़रा में राबिताका फ़ुक़दान है ।रियासत में नौजवान और पहली मर्तबा मुंतख़ब होने वाले कांग्रेस के अरकान असम्बली कांग्रेस को डूबती कशती तसव्वुर करते हुए महफ़ूज़ सयासी ठिकाने की तलाश कर रहे हैं।
हालिया 7 असम्बली हलक़ों में कांग्रेस की शिकस्त के बाद मुजव्वज़ा 18असम्बली हलक़ों के ज़िमनी इंतिख़ाबात में भी कांग्रेस की कामयाबी की कोई ज़मानत नहीं ही। ऐसी सूरत-ए-हाल में कांग्रेस का कैडर ग़ैर यक़ीनी सूरत-ए-हाल से दो-चार है । कांग्रेस पार्टी सदर मिसिज़ सोनीया गांधी ने जिन तवक़्क़ुआत से ग़ुलाम नबी आज़ाद को आंधरा प्रदेश का इंचार्ज बनाया था इस को वो बख़ूबी तौर पर निभाने में नाकाम होचुके हैं। ग़ुलाम नबी आज़ाद मर्कज़ी वज़ीर-ए-सेहत के अहम क़लमदान पर फ़ाइज़ है । इस के इलावा आज़ाद आसाम , तमिलनाडु , उतराखनड और गोवा जैसी रियास्तों में कांग्रेस उमूर के इंचार्ज हैं, मसरुफ़ियात के बाइस वो आंधरा प्रदेश केलिए ज़्यादा वक़्त नहीं दे पा रहे हैं ।
कांग्रेस पार्टी के क़ाइदीन डिसिप्लिन शिकनी का मुज़ाहरा कर रहे हींओर हदूद पारकर रहे हैं। ऐसे क़ाइदीन को ग़ुलाम नबी आज़ाद कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं। तेलंगाना का मसला आज जो भी है इस से आज़ाद का गहिरा ताल्लुक़ है क्योंकि 10 साल तक इक़तिदार से दूर रहने वाली कांग्रेस पार्टी को इक़तिदार में लाने केलिए ग़ुलाम नबी आज़ाद ने ही टी आर इसकेसरबराह मिस्टर के चन्द्र शेखर राव की क़ियामगाह पहूंच कर सयासी इत्तिहाद किया था । तब सैकिण्ड ऐस आर सी का मुआहिदा हुआ था ताहम यू पी ए हुकूमत की तशकील के बाद यू पी ए की हलीफ़ जमातों में इत्तिफ़ाक़ राय पैदा करने का फ़ैसला किया गया। 2004 ए- से 2012 -एतक तेलंगाना मसला पर कई ड्रामाई मोड़ आए हैं लेकिन इस मसला कोहल कराने में आज़ाद नाकाम हो चुके हैं। रियासत के ज़िमनी इंतिख़ाबात का हैदराबाद पहूंच कर कोई जायज़ा नहीं लिया और ना ही तेलंगाना की तहरीक चलाने वाले सीनीयर क़ाइदीन अरकान-ए-पार्लीमैंट वग़ैरा से बातचीत की।
राज्य सभा में आंधरा प्रदेश से 2 मुस्लिम क़ाइदीन की मीयाद मुकम्मल हुई है जिन में एक रुकन का ताल्लुक़ मुस्लिम तबक़ा से था । आज़ाद आंधरा प्रदेश के इंचार्ज होने के बावजूद एक भी मुस्लमान को राज्य सभा मेंनुमाइंदगी नहीं दी गई जिस से आंधरा प्रदेश के मुस्लमान भी आज़ाद से नाराज़ ही। आज़ादकी इंचार्ज शिप में मुस्लमानों से इंसाफ़ होने की उन्हें उम्मीद नहीं है । वो 2004 -ए-मेंआज़ाद की जानिब से असम्बली के टिकट की तक़सीम में मुस्लमानों का तनासुब घट जाने के बाद दूसरे ओहदों पर मुस्लमानों को नुमाइंदगी देने का जो वाअदा किया था , इस को भी पूरा नहीं किया इस लिए कांग्रेस के मुस्लिम क़ाइदीन भी आज़ाद को तबदील करने का हाईकमान से मुतालिबा कर रहे हैं। तेलंगाना के कांग्रेस क़ाइदीन भी आज़ाद से नाराज़ हैं। सीमा आंधरा के क़ाइदीन की अक्सरीयत भी आज़ाद से राबते में नहीं है ।
आंधरा प्रदेश से ग़ुलाम नबी आज़ाद के ख़िलाफ़ शिकायतें वसूल होने के बाद हाईकमान उन्हें आंधरा प्रदेश के इंचार्ज की ज़िम्मेदारीयों से हटाने पर ग़ौर कर रही है । 18 असम्बली हलक़ों के ज़िमनी इंतिख़ाबात में पार्टी का मुज़ाहरा नाक़िस होगा तो उन के ख़िलाफ़ शिकायतों में मज़ीद इज़ाफ़ा होने का इमकान है।