गुमला : चैनपुर थाने के दरकाना गांव में जुमा को गाँव वालों ने अवामी अदालत लगायी और गैंगरेप व क़त्ल के एक मुलजिम जिरमी गांव के लालमोहन महतो को जिंदा जला कर मार डाला। इससे पहले उसकी लाठी-डंडे से पिटाई की, शर्मगाह काट लिया था। वहीं एक दीगर मुलजिम जयपुर गांव के संतोष बेक को पिटाई करने के बाद पुलिस को सौंप दिया। गाँव वाले खुद संतोष को थाना लेकर पहुंचे। वहीं दीगर दो मुलजिम याकूब बेक व दिलीप केरकेट्टा को भी गाँव वाले मारनेवाले थे।
लेकिन जयपुर गांव के लोग दोनों को बचा कर ले जाने में कामयाब रहे। इस दौरान जयपुर व दरकाना गांव के लोगों के बीच बहस हुई। गैंगरेप में हर्रा गांव के अमित उरांव व विकास एक्का के भी शामिल होने की बात गाँव वाले कह रहे हैं। गाँव वाले इन मुलजिमान को भी मारने के लिए खोज रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सात जनवरी को तमाम मुलजिमान ने पीरहापाट गांव की एक खातून की गैंगरेप के बाद क़त्ल कर दी थी।
वह लकड़ी चुनने जंगल गयी थी। तभी कब्जे में लेकर इज्तेमाई इशमतरेज़ी के बाद उसे मार दिया था। उस वक़्त थाने में नामालुम लोगों पर केस दर्ज किया गया था। दिलीप और याकूब को बचा कर ले गये जयपुर गांव के लोग मामला सामने आने के बाद जयपुर गांव के दिलीप केरकेट्टा व याकूब बेक को भी अवामी अदालत में पेश किया गया। दिलीप व याकूब के साथ अनहोनी की इमकान पर जयपुर गांव के कई लोग जन-अदालत में पहुंच गये। दोनों पर इल्ज़ाम प्रूफ होने पर उन्हें सजा देने का फरमान सुनाया गया। लेकिन तभी गाँव वालों ने लालमोहन का मौत के घाट उतार दिया। यह देख जयपुर के गाँव वाले गोलबंद हो गये और दिलीप व याकूब की जान किसी तरह बचा कर वहां से ले गये।