गांधी जी की अशिया की नीलामी से हिंदूस्तानियों के जज़बात मजरूह

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कौंसल के साबिक़ रुकन सिराज मेह्दी ने आज वज़ीर-ए-आज़म डाक्टर मनमोहन सिंह और कांग्रेस सदर सोनीया गांधी को मकतूब लिख कर मुतालिबा किया है कि महात्मा गांधी से मुताल्लिक़ अशीया को मर्कज़ी हुकूमत तहवील में लेकर उसे क़ौमी विरासत क़रार दे।

उन्होंने कहा कि बाबाए क़ौम के चश्मे और ख़ून आलूद मिट्टी के बैरून-ए-मुल्क में नीलाम होने से हर हिंदूस्तानी का जज़बा मजरूह हुआ है। सिराज मह्दी ने कहा कि जब पूरी दुनिया महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चलने की अपील कर रही है तब उनकी अशीया बैरून-ए-मुल्क नीलाम हो रही हैं और हुकूमत ख़ामोश तमाशाई बनी हुई है।

अब कोलकाता के इस गांधी भवन को फ़रोख्त किए जाने की बात हो रही है जहां बाबाए क़ौम फ़सादाद को रोकने के लिए २५दिन भूक हड़ताल पर बैठे थे। उन्होंने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत को महात्मा गांधी की चार दिन क़ब्ल नीलाम हुई चीज़ों को ख़ुद ख़रीदना चाहीए।

लंदन में 16 अप्रैल को महात्मा गांधी को गोल रिम वाला चशमा 34 हज़ार पाउंड में फ़रोख्त हुआ। मुलाकिस नीलाम घर में हुई नीलामी में चश्मे के इलावा ख़ून आलूद मिट्टी दस हज़ार पाउंड और चरखा 26 हज़ार पाउंड मैं फ़रोख्त हुआ। बरला हाउस की थोड़ी सी मिट्टी और घास तूपी सी नांबियार नामी शख़्स ने इस दिन महफ़ूज़ करके रख लिया था जिस दिन गांधी जी का क़त्ल हुआ था।

सिराज मेह्दी ने मकतूब में मज़ीद लिखा है कि बाबाए क़ौम हर हिंदूस्तानी के दिल में बसे हैं। उन्होंने कांग्रेस के पर्चम तले मुल्क को आज़ाद कराने के लिए ना सिर्फ ज़बरदस्त तहरीक चलाई बल्कि अंग्रेज़ों को अदम तशद्दुद के रास्ते मुलक छोड़ने पर मजबूर किया।

बाबाए क़ौम की हर चीज़ से हिंदूस्तानियों को बेपनाह मुहब्बत है। हकूमत-ए-हिन्द को चाहीए कि वो महात्मा गांधी की हर चीज़ ख़रीद कर एक म्यूज़ीयम में रख कर उसे क़ौमी विरासत क़रार दे। महात्मा गांधी के पोते तारा गांधी भी बापू की चीज़ों की नीलामी से काफ़ी मग़्मूम हैं।