गाज़ा बॉर्डर पर फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों पर इजरायली सेना का हमला, सात की मौत!

ग़ज़्ज़ा की सीमा पर फ़िलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों और ज़ायोनी सेना के बीच होने वाली ताज़ा झड़पों में इस्राईली सेना की फ़ायरिंग से बच्चों सहित 7 फ़िलिस्तीनी शहीद और 507 से अधिक घायल हो गये।

फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शुक्रवार को ग़ज़्ज़ा की सीमा के निकट इस्राईली सैनिकों से होने वाली झड़पों में 12 और 14 वर्ष के दो लड़कों सहित 7 फ़िलिस्तीनी शहीद हो गये।

फ़िलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ़ क़दरा ने बताया कि दक्षिणी ग़ज़्ज़ा के ख़ान यूनूस की सीमा के निकट सिर में गोली लगने से 12 वर्षीय नासिर मुस्बेह दम तोड़ गया जबकि केन्द्रीय ग़ज़्ज़ा के अलबुरैज कैंप में इस्राईली सैनिकों की ओर से प्रदर्शनकारियों पर सीधी फ़ायरिंग के परिणाम में 14 वर्षीय मुहम्मद हमूम शहीद हो गया।

अशरफ़ क़दरा ने बताया कि सीमा पर होने वाली झड़पों में इस्राईली सेना की फ़ायरिंग से 5 अन्य युवा शहीद हुए जबकि 507 से अधिक लोग घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

इस्राईली सेना का दावा है कि सीमा के निकट विभिन्न स्थानों पर 20 हज़ार से अधिक लोग शांति भंग करने के लिए एकत्रित हुए और उन्होंने विभिन्न स्थानों से सेना पर हथगोले और ज्वलनशील पदार्थों से हमला किया।

इस्राईल की ओर से हमास पर आरोप लगाया जाता रहा है कि वह जानबूझकर प्रदर्शन प्रदर्शनकारियों को उकसाता है किन्तु हमास की ओर से निरंतर इस बात से इनकार किया जाता रहा है।

ज्ञात रहे कि फ़िलिस्तीनियों ने 30 मार्च 2018 से शांति मार्च के नाम से प्रदर्शनों का आरंभ किया है जो हर शुक्रवार को किया जाता है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान समेत अधिकतर देशों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने ज़ायोनियों के इन अपराधों की निंदा की है। 30 मार्च 1976 को ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीनियों की ज़मीनों को ज़ब्त करने की वर्षगांठ के अवसर पर हर साल रैलियां निकाली जाती हैं।

इस साल फ़िलिस्तीनियों ने इस रैली को वापसी मार्च का नाम दिया है और कहा है कि जब उनकी ज़मीनें वापस नहीं दी जातीं वे हर सप्ताह शुक्रवार को रैली निकालते रहेंगे।