गाजियाबाद: इंडिया-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद 1956 में अपने माता पिता के साथ भारत आने वाले मोहम्मद यूनुस को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। थाना प्रभारी मिसौरी दिनेश कुमार यादव के अनुसार यूनुस 14 न वार्ड, कांजी वाड़ा, डासना में रहता था। वे मूल रूप से पाकिस्तान में कराची के गांव कादिराबाद का रहने वाला है।
पुलिस के अनुसार वह यहां मजदूरी करता था। बंटवारे के बाद 1956 में अपने यूनुस माता पिता के साथ लंबे समय के वीजा पर आया था। हालांकि पिता के निधन के बाद वह यहीं बस गया और 61 साल से वह लगातार वीजा रिन्यू करा कर यहीं रह रहा था। उधर मोहम्मद यूनुस का कहना है कि अपने पिता के पासपोर्ट पर भारत आया था और उसने कई बार अपना वीजा रिन्यू भी करवाया। हालांकि कुछ समय से किसी कारण से वह अपना वीजा रिन्यू नहीं करवा सका है।
नियम के अनुसार दीर्घकालिक वीजा पर रहने वाला व्यक्ति न तो संपत्ति खरीद सकता है और न ही यहां कोई ऐसा पहचान कार्ड बनवा सकता है, जिससे उसकी नागरिकता भारतीय दिखाई देते हों । हालांकि यूनुस का नाम डासना नगर पंचायत की मतदाता सूची में था और उसने मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड बनवाया था। साथ ही साथ डासना में उसके पास एक मकान भी है।
इस सिलसिले में एलआईयू को पता चला, तो सब इंस्पेक्टर सुभाष चंद ने उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। सुभाष चंद के अनुसार यूनुस के वीजा की अवधि 25 सितंबर को समाप्त हो गई थी उसके उन्नयन की प्रक्रिया जारी है। उल्लेखनीय है कि यूनुस की शादी दिल्ली की एक लड़की से हुई है और उसके पास दो बेटे और दो बेटियां हैं। बेटों का नाम अली और शांति है जबकि दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है।