गाजीपुर पथराव- सिपाही की मौत के मामले में अब तक 26 गिरफ्तार

गाजीपुर के कठवा मोड़ पर शनिवार को हुए बवाल में पुलिस ने 15 और लोगों को गिरफ्तार किया है। जाम और तोड़फोड़ में पहले ही 11 लोग गिरफ्तार किये जा चुके हैं। वाराणसी से पहुंचे एडीजी पीवी रमा शास्त्री के अनुसार मुख्य आरोपित पर रासुका लगाने की तैयारी हो रही है। डीएम को इसी संस्तुति भेजी जाएगी। मामले की जांच एडिशनल एसपी को दी गई है। वहीं, लखनऊ में डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि मामले में तीन मुकदमे दर्ज हुए हैं।
आरक्षण की मांग करते हुए राष्ट्रीय निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में जाने की कोशिश की थी। उन्हें जगह-जगह पुलिस प्रशासन ने रोक दिया था। इसी के बाद कठवा मोड़ पर कार्यकर्ता उग्र हो गए और पथराव कर पुलिस पर हमला कर दिया था। कई वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई थी। पत्थर लगने से सिपाही सुरेश वत्स की मौत हो गई थी।
एडीजी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि घटना में 32 नामजद और 70-80 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एडीजी ने कहा कि साक्ष्य के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। मौके  पर बनाए गए वीडियो और फोटो के आधार पर लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को स्थानीय प्रशासन की नाकामी करार देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री की रैली की वजह से प्रशासन और पूरे खुफिया विभाग को पता था कि कहां पर किसका धरना-प्रदर्शन होने वाला है, मगर इसके बावजूद यह दुखद घटना घट गयी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसकी आड़ में निर्दोष लोगों को परेशान किया जा रहा है।

मालूम हो कि गाजीपुर जिले में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली में जाने से रोके जाने से नाराज लोगों द्वारा किए गए पथराव में हेड कांस्टेबल वत्स की मृत्यु हो गयी थी। जिला पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस तथा प्रशासन ने प्रधानमंत्री की रैली में जाने से रोका था। इससे नाराज होकर उन्होंने जगह-जगह रास्ता जाम कर दिया और रैली से लौटने वाले वाहनों पर पथराव किया।

 

इस दौरान जाम खुलवाने गये हेड कांस्टेबल सुरेश वत्स (48) के सिर पर पत्थर लगने से उसकी मौत हो गयी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृत पुलिसकर्मी के परिजन को 40 लाख रूपये और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपये की सहायता का ऐलान करते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये हैं।