गुजरात गोसेवा एवं गोचर विकास बोर्ड ने महिलाओं को सलाह जारी कर कहा है कि गाय के मूत्र और गोबर का प्रयोग करने से चेहरा में गोरापन आता है। बोर्ड की तरफ से जारी पुस्तिका “आरोग्य गीता” में गाय के मूत्र, गोबर और दूध से विभिन्न बीमारियों के ठीक होने का दावा किया गया है। इस पुस्तिका में दावा किया गया है कि इटली, रूस और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने शोध में गऊ उत्पादों की औषधीय गुणों की पुष्टि की है। किताब में मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा की खुबसूरती का जिक्र करते हुए कहा गया है वे इसे बरकरार रखने के लिए दूध से स्नान के अलावा गोबर और गोमूत्र का भी लेप करती थीं।
पुस्तिका में गोमूत्र पर एक विशेष अध्याय है जिसमें कहा गया है कि महिलाओं को अप्रतिम सुंदरता के लिए अपने चेहरे पर पहले 15 मिनट तक गाय का दूध लगाना चाहिए उसके बाद गाय के घी और हल्दी से 15 मिनट तक मसाज करना चाहिए, उसके बाद 15 मिनट गोमूत्र लगाना चाहिए, उसके बाद गाय के गोबर को चेहरे पर फेसपैक की तरह लगाकर 15 मिनट बाद नीम के पानी से चेहरा धोना चाहिए। किताब में यह भी लिखा है प्राकृतिक उपचार से आपके चेहरे पर कांति और चमक आएगी जो कृत्रिम मेकअप के कई परतों से नहीं आ सकती।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि कई इतिहासकारों के अनुसार क्लियोपेट्रा गदहे के दूध से नहाती थी। हाल ही में कई खोजकर्ताओं ने दावा किया है कि क्लियोपेट्रा आम विश्वास के उलट गोरी नहीं काली थी। क्लियोपेट्रा मिस्र के इतिहास में सर्वाधिक चर्चित शख्सयितों में थी। उसने रोम के सेनापति और शासक जूलियस सीजर से विवाह किया था। माना जाता है कि क्लियोपेट्रा ने सीजर से विवाह मिस्र की सत्ता पाने के लिए किया था।