कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मुबयना गै़रक़ानूनी कानकनी के मुक़द्दमात के ज़िमन में कर्नाटक के एक साबिक़ रियास्ती वज़ीर गाली जनार्धन रेड्डी तक़रीबन दो साल से अदालती तहवील में हैं और ज़मानत पर जल्द रिहाई एक बहुत दौर का ख़ाब मालूम होता है।
चुनांचे उनके अरकान ख़ानदान ने उनकी रिहाई के लिए पिछ्ले रोज़ अपने आबाई ज़िला बेल्लारी में रियासत के 70 सरकरदा साधव और पुजारियों को जमा करते हुए ख़ुसूसी पूजा का एहतेमाम किया।
अगरचे ये पूजा इंतेहाई राज़दारी में की गई थी लेकिन साबिक़ वज़ीर की रिहायश गाह पर जहां कई माह से ख़ामोशी और वीरानी तारी थी अचानक चहल पहल और साधव की कसरत देखते हुए ये अफ़्वाह आम होगई थी कि गाली जनार्धन के भाई काला जादू करवा रहे हैं।
ये अफ़्वाहें पहले ही मुसीबतज़दा बाअसर ख़ानदान के लिए एक नई मुसीबत साबित हुईं चुनांचे इस से बचने के लिए गाली ख़ानदान ने ख़ुसूसी पूजा के एहतेमाम का राज़ फ़ाश कर दिया।