बीदर, 12 फरवरी: गर्लज़ हाई स्कूल बीदर के मशरिक़ी सिम्त में ग्वालों का मुहल्ला है। जहां से एक ज़ेली सड़क मेन रोड से तालीम सिद्दीक़ शाह के लिए गुज़रती है। लेकिन ये सड़क इंतिहाई खराब हो चुकी है। चलने फिरने के क़ाबिल नहीं है। ग्वालों ने इस सड़क पर भैंसें बांधना शुरू कर दिया है।
जिस की बदौलत भी अवाम ने इस रास्ते को तर्क कर दिया है। मोहन गावली इसी मुहल्ले के रिहायशी हैं वो चाहते हैं कि यहां की सड़क फ़ौरी तामीर हो। इन का शिकवा है कि दर्ज़ी गली की सड़क तामीर होचुकी है, लेकिन गोली गली की सड़क को ऐसे ही छोड़ दिया गया है। गावली गली के मोड़ पर कचरे का अंबार है जिस से सेहत के मुतास्सिर होने का शदीद अंदेशा लाहक़ हो चुका है।
इस मुहल्ले में पानी के अपने मसाइल हैं। जो बोरवेल हुकूमत की जानिब से खुदाई गई थी वो फेल होचुकी है। मोहन गावली इस मुहल्ले के क़दीम रिहायशी हैं। उन के दादा परदादा के इस मुहल्ले के रिहाइशियों को पानी अपनी बाओली के इलावा ख़ुद अपनी मोटर से फ़राहम करते हैं,जिस के लिए उन्हें कोई तआवुन हुकूमत से नहीं है।
बाओली को अगर साफ़ करना पड़े तब भी कोई मदद हुकूमत या मुंतख़ब अवामी नुमाइंदे नहीं करते। चाहे वो बलदिया के नुमाइंदे हों। वो इंतिहाई ब्रहमी से कहते हैं कि हम जैसे शहर के क़दीम लोगों से इस तरह का इमतियाज़ी सुलूक समझ से बाहर है। मोहन
गावली ज़ोर देकर कहते हैं कि रुकन असेम्बली अपनी पार्टी के बलदिया के कौंसिलर के ज़रीये इस सड़क की तामीर का काम शुरू करवाते हैं तो बेहतर है वर्ना एहतिजाज का तरीका अपनाने को हमारी मजबूरी समझा जाये।